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Sunday, 5 May, 2024
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नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बोलने पर भाजपा ने इंस्टाग्राम सेलिब्रिटीज को किया टारगेट

सोशल मीडिया पर सीएए को लेकर हैशटैग चल रहे हैं. जैसे इन्स्टाग्राम पर सीएए हैशटैग की डेढ़ लाख से भी ज्यादा पोस्ट हैं तो टिकटोक पर एनआरसी हैशटैग को 80 मिलियन व्यूज मिले हैं.

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नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध के स्वर अब ट्विटर-फेसबकु से निकल मिलेनियल्स की पॉपुलर टिकटोक व इंस्टाग्राम पर पहुंच गए हैं. चाहे जंतर-मंतर पर हो रहे धरनों की जानकारी देने की बात हो या फिर देशभक्ति गानों के साथ अपनी बात कहने की. इन एप्स पर सीएए को लेकर हैशटैग चल रहे हैं. जैसे इन्स्टाग्राम पर सीएए हैशटैग की डेढ़ लाख से भी ज्यादा पोस्ट हैं तो टिकटोक पर एनआरसी हैशटैग को 80 मिलियन व्यूज मिले हैं. यहां रिजेक्ट एनआरसी नाम का हैशटैग भी चला है जिसे 6 मिलियन से भी ज्यादा व्यूज मिले हैं.

इस सबके मद्देनजर भाजपा पार्टी के ट्विटर हैंडल से इंस्टाग्राम सेलिब्रिटिज की आलोचना करते हुए वीडियो अपलोड किया गया है. वीडियो में दो लड़कियों की आपसी बातचीत है जहां वो इंस्टाग्राम सेलिब्रिटीज को वोक बता रही हैं. एक लड़की कहती है, ‘सीएए-एनआरसी का विरोध सिर्फ तीन-चार टाइप के ही लोग कर रहे हैं. सबसे पहले इंस्टा सेलिब्रिटीज हैं. अपने फील्ड की तो इन्हें जानकारी है लेकिन एनआरसी और सीएए के बारे में बिना पढ़े-लिखे और जाने ही पोस्ट कर रहे हैं.’

एनआरसी का विरोध प्रदर्शन सड़कों से उठकर इंस्टाग्राम पर पहुंचाने का श्रेय इंस्टा सेलिब्रिटीज को भी दिया जा रहा है जब उन्होंने इसके खिलाफ स्टोरीज पोस्ट करनी शुरू की. फैशन ब्लॉगर कोमल पांडे, कॉमेडियन व एक्टर कुशा कपिला, डॉली सिंह, अंकुश बहुगुणा से लेकर प्रजाकता कोहली ने संविधान पढ़ने के साथ-साथ लगातार धरनों की जगहों और समय को शेयर किया. इतना ही नहीं दिल्ली आईटीओ पर स्थित पुलिस हेडक्वार्टर पर इस प्रोटेस्ट का हिस्सा भी बने. कुशा कपिला और डॉली सिंह ने अपने पोस्टर पर लिखा था- ‘इट इज सो बैड दैट इवन साउथ डेल्ही इज हेयर.’ मतलब ये सब इतना खराब हो गया है कि साउथ दिल्ली को भी सड़कों पर उतरना पड़ा है.

आमतौर पर बॉलीवुड और इंस्टा स्टार अराजनीतिक रहते हैं और किसी भी पॉलिटिकल विमर्श का हिस्सा नहीं बनते हैं. लेकिन एनआरसी-सीएए के विरोध प्रदर्शन में जामिया यूनिवर्सिटी में हुई पुलिसिया कार्रवाई के बाद ज्यादा से ज्यादा लोगों ने बोलना शुरू कर दिया.

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भाजपा द्वारा जारी की गई वीडियो में एक लड़की सवाल करती है- लेकिन ये ऐसा क्यों कर रहे हैं? उसका जवाब देते हुए दूसरी लड़की बताती है, ‘क्योंकि इस टॉपिक पर बोलकर इन्हें थोड़ा कूल बनना है. वैसे भी नए साल की पार्टी के लिए ड्रॉइंग रूप डिस्कशन के लिए इन्हें कुछ तो चाहिए ही. इनके फॉलोअर्स भी ब्लाइंड हैं. उनके पास पढ़ने का टाइम तो नहीं है. इसलिए जो ये इंस्टाग्राम सेलिब्रिटी जो कहते हैं उसी को सच मान लेते हैं.’

फैशन ब्लॉगर कोमल पांडे द्वारा सीएए प्रदर्शन पर पोस्ट करने के बाद उन्हें मेकअप शेमिंग का सामना करना पड़ा. कई यूजर्स ने निजी मैसेज भेजकर उन्हें बताया कि कैसे मेकअप पोतने वाले ब्लॉगर्स को राजनीतिक पोस्ट नहीं करनी चाहिए. डॉली सिंह को बहुत सारे फैन्स ने अनफॉलो करने की धमकियां भी दीं.

गौरतलब है कि झारखंड में पीएम मोदी के ‘कपड़ों से पहचान लेते हैं’ कमेंट के बाद डॉली ने अपने पेट की तस्वीर लगाते हुए लिखा था कि पीएम मोदी बताएं कि मुझे अपना धर्म नहीं पता है क्या मैं भारत की नागरिक हूं?

टिकटोक पर राहत इंदौरी की ‘किसी के बाप का हिंदोस्तां थोड़े है’ कविता ट्रेंड कर रही है. जैसे अयान शेख नाम के एक हैंडल ने इस तरह के वीडियोज बनाकर पोस्ट किए हैं. लेकिन कुछ ब्लू टिक जैसे एक कलाकर नाम का हैंडल हिंदू-सिख-ईसाई आपस में सब भाई-भाई तहजीब को प्रोमोट करते हुए वीडियोज पोस्ट कर रहा है. ऐसा नहीं है कि सारे वीडियोज प्यार और सौहार्द को हो बढ़ावा दे रहे हैं.

गौरतलब है कि चाइनीज ऐप टिकटोक देश के छोटे कस्बों में खासी पॉपुलर है जहां गानों पर लिपसिंग और डांस कर वीडियोज पोस्ट किए जाते हैं. एनआरसी को लेकर भी गानों, डांस और चुटकुलों के माध्यम से इसका विरोध किया जा रहा है. भारत में टिकटोक के 200 मिलियन यूजर हैं जिसमें से 120 मिलियन यूजर्स हर महीने ऐप पर एक्टिव रहते हैं.

बता दें कि कुछ दिन पहले टिकटोक तब चर्चा में आया जब 17 वर्षीय फिरोजा अजीज नाम की एक लड़की ने ट्विटर पर पोस्ट किया कि उसका अकाउंट होंगकोंग में मुस्लिमों के लिए बनाए जा रहे डिटेंशन सेंटर पर वीडियो पोस्ट करने के लिए बैन कर दिया गया है. लेकिन बाद में टिकटोक ने सफाई दी और उनका अकाउंट लौटाया. फिरोजा ने हाल ही में एनआरसी और सीएए को लेकर भी वीडियो बनाया है जहां वो स्किन केयर समझाते हुए इस मुद्दे पर अपनी बात रखती हैं.

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