चेन्नई: इस बार तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने वामपंथी साथियों से सीख ली है. सोमवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने घोषणा की कि उसके दफ्तेर उन युवा जोड़ों के लिए खुले रहेंगे जो लव मैरिज करना चाहते हैं, खासकर इंटर-कास्ट शादी. इसके कुछ ही देर बाद भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने भी यही ऐलान किया.
शन्मुगम ने सोमवार शाम एक्स पर पोस्ट में लिखा, “एक ऐसे समाज में जहां ऑनर किलिंग और जातिगत दमन अब भी मौजूद है, वहां लव मैरिज करने वाले—विशेषकर इंटर-कास्ट शादी करने वाले जोड़ों को अपने ही परिवार और समाज से भारी दुश्मनी झेलनी पड़ती है. उनके पास कोई सुरक्षित रास्ता नहीं होता. इसलिए हम अपने सभी सीपीआई (एम) दफ्तर उनके लिए खोल रहे हैं. वे यहां आ सकते हैं, सुरक्षा ले सकते हैं और हम उनकी शादी को कानूनी तौर पर रजिस्टर्ड कराने में मदद करेंगे.”
पुडुकोट्टई ज़िले में तो घोषणा वाले दिन ही एक युवा जोड़े प्रगदीश्वरन और ऐश्वर्या ने CPI(M) दफ्तर में शादी कर ली.
पार्टी का यह कदम तिरुनेलवेली ज़िले में हुई उस घटना के बाद आया है, जहां एक दलित सॉफ्टवेयर इंजीनियर की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, क्योंकि उसका एक प्रभुत्वशाली जाति की लड़की से संबंध था. युवक, जो तिरुनेलवेली का ही रहने वाला था, उसे कथित तौर पर लड़की के भाई ने उस वक्त मार दिया जब वह उस अस्पताल पहुंचा जहां लड़की काम करती थी.
CPI(M) की यह घोषणा उसकी लंबे समय से चली आ रही विचारधारा से जुड़ी है, जो इंटर-कास्ट सौहार्द्र और सामाजिक न्याय की पक्षधर रही है. पार्टी नेताओं ने इस पहल को न सिर्फ मुश्किल में फंसे व्यक्तियों के समर्थन का कदम बताया बल्कि जातिगत दमन के खिलाफ लड़ाई का हिस्सा भी बताया.
शन्मुगम ने कहा, “जाति ने इस समाज को सदियों से बांटा है. इंटर-कास्ट शादियां इस पदानुक्रम की जड़ों पर चोट करती हैं. हम युवाओं से कहना चाहते हैं कि वे अकेले नहीं हैं. हमारे दफ्तर उनका आश्रय स्थल बनेंगे.” उन्होंने ऑनर किलिंग के खिलाफ अलग कानून की ज़रूरत पर ज़ोर दिया.
इसके बाद अन्नामलाई ने भी घोषणा की कि भाजपा दफ़्तर युवाओं के लिए शादी करने के लिए खुले रहेंगे.
पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने मदुरै में पत्रकारों से कहा, “CPI(M) ने जो कहा है, उसका स्वागत है, लेकिन प्रतीकात्मकता से आगे बढ़कर, तमिलनाडु को मज़बूत कानूनी ढांचा चाहिए. ऑनर किलिंग अब भी निर्दोष लोगों की जान ले रही हैं. हम मांग करते हैं कि DMK सरकार ऑनर किलिंग पर सख़्त सज़ा वाला विशेष कानून लाए.”
उन्होंने कहा कि भले ही भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में हत्या और आपराधिक साज़िश जैसे मामले शामिल हैं, लेकिन एक अलग कानून परिवारों को अपने बच्चों के खिलाफ हिंसा करने से रोकने में मदद करेगा.
CPI(M) और भाजपा के इस क़दम ने सत्तारूढ़ डीएमके को असहज स्थिति में ला दिया है. डीएमके, जिसकी वैचारिक जड़ें पेरियार के तर्कवादी आंदोलन से जुड़ी रही हैं, ऐतिहासिक रूप से इंटर-कास्ट शादियों का समर्थन करती रही है. फिर भी, उसने बार-बार मांग के बावजूद ऑनर किलिंग मामलों पर विशेष क़ानून नहीं बनाया.
शुक्रवार को विदुथलाई चिरुथैगल काची (VCK) नेता थिरुमावलवन काविन के परिवार को लेकर मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन से मिले. मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद थिरुमावलवन ने मीडिया से कहा कि उन्होंने काविन के परिवार की सुरक्षा की मांग की है क्योंकि वे अब भी उसी गांव में रह रहे हैं.
थिरुमावलवन ने कहा, “उन्हें अपने गृहनगर में असुरक्षित महसूस हो रहा था. इसलिए हम मुख्यमंत्री से मिले और वहीं सुरक्षा की व्यवस्था करने का अनुरोध किया.” उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने पहले भी मुख्यमंत्री से ऑनर किलिंग मामलों पर अलग कानून लाने की मांग की थी.
तमिल राष्ट्रवाद पर ज़ोर देने के अलावा, VCK जातिगत भेदभाव और हिंसा के ख़िलाफ़ अभियान चलाती है, खासकर दलितों के संदर्भ में.
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