कोलकाता, 27 जून (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई ने 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनावों के लिए मंगलवार को पार्टी का घोषणापत्र जारी किया और राज्य के ग्रामीण इलाके में भ्रष्टाचार मुक्त ग्राम परिषदों और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने का वादा किया।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष के साथ घोषणापत्र जारी किया।
जिला परिषदों, पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों में लगभग 75,000 उम्मीदवारों को चुनने के लिए लगभग 5.67 करोड़ मतदाता मतदान के लिए पात्र हैं।
मजूमदार ने कहा, ‘‘हम राज्य भर में भ्रष्टाचार मुक्त पंचायतें बनाना चाहते हैं, जहां आपको कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने या स्थानीय पंचायतों से काम कराने के लिए रिश्वत देने की जरूरत नहीं हो। भ्रष्टाचार और टीएमसी पश्चिम बंगाल में पर्याय बन गए हैं। हम एक ऐसी पंचायत बनाना चाहते हैं जहां सही मायने में स्थानीय स्वशासन का माहौल हो।’’
घोषणापत्र, को ‘‘पंचायत चुनाव 2023 के लिए संकल्प पत्र’’ नाम दिया गया है। इसमें एक ऐसा माहौल बनाने का वादा किया गया है जहां ग्रामीण आबादी बिना किसी पूर्वाग्रह या भय के केंद्र द्वारा कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा सके।
घोष ने कहा, ‘‘राज्य में ग्रामीण बुनियादी ढांचा पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क बुनियादी ढांचे में, टीएमसी ने पिछले 12 वर्षों में केवल भ्रष्टाचार किया है और विकास की उपेक्षा की है। यह केवल स्थानीय टीएमसी नेता हैं, जिन्होंने जनता की तकलीफों की कीमत पर समृद्धि का स्वाद चखा है।”
अधिकारी ने सवाल किया कि क्या टीएमसी केंद्रीय बलों की तैनाती के बावजूद स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होने देगी?
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) टीएमसी के मुखौटा कार्यालय की तरह काम कर रहा है। हम इस बात को लेकर आशंकित हैं कि क्या एसईसी और टीएमसी अदालत के आदेश और केंद्रीय बलों की तैनाती के बावजूद स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होने देंगे?’’
भाषा अमित नरेश
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