नई दिल्ली: भाजपा ने मंगलवार को लोकसभा में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में सबसे अधिक समय तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी की सरकारों के समय हर राज्य में पशुओं की भी गिनती की गई लेकिन पिछड़ा वर्ग की गिनती नहीं की गई क्योंकि उसे इनकी कोई चिंता ही नहीं थी.
निचले सदन में ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा की संघमित्रा मौर्य ने कहा कि देश में सबसे अधिक समय तक कांग्रेस सत्ता में रही और उनके समय हर राज्य में पशुओं की भी गिनती की गई लेकिन पिछड़े वर्ग की गिनती नहीं हुई.
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘साल 2011 में जब जनगणना हो रही थी तब केंद्र में कांग्रेस नीत सरकार थी. हम पूछना चाहते हैं कि तब अन्य पिछड़ा वर्ग के आंकड़े क्यों प्रकाशित नहीं किये गए.’
मौर्य ने आरोप लगाया कि आरक्षण को खत्म करने की शुरुआत साल 2010 में शुरू कर दी गई थी जब कांग्रेस की सरकार थी.
भाजपा सांसद ने कहा कि अगर आपने (कांग्रेस) जनता के अधिकारों के संरक्षण की बात की होती तब जनता आपको सत्ता से बाहर नहीं करती.
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के समय तमाम घोटालों के साथ अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गो के हितों को नजरंदाज किया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार पिछड़े वर्गों के अधिकारों के संरक्षण एवं उनके कल्याण को ध्यान में रखकर यह विधेयक लेकर आयी है.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में दाखिले को लेकर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए आरक्षण को मंजूरी दी है.
मौर्य ने कहा कि अब स्नातक, स्नातकोत्तर मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा.
भाजपा सदस्य ने कहा कि 1931 में आखिरी बार जाति आधारित जनगणना हुई थी और अब तक इसी के आधार पर व्याख्या की जा रही है. आजादी के बाद सबसे अधिक समय तक सरकार में रहने वाली कांग्रेस को इसका जवाब देना चाहिए.