नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हार मिली है और एक बार फिर वह अनुसूचित जाति (एससी) के मतदाताओं में अपनी पैठ बनाने में असफल रही है। पार्टी को एमसीडी में एससी के लिए आरक्षित 42 वार्डों में से केवल छह वार्डों में जीत मिली है।
एमसीडी चुनाव के बुधवार को घोषित नतीजों के मुताबिक आम आदमी पार्टी (आप) को 134 वार्ड में जीत मिली है जिनमें से 36 वार्ड आरक्षित श्रेणी के हैं।
एमसीडी की सत्ता में चौथी बार काबिज होने की कोशिश कर रही भाजपा को कुल 104 वार्डों में जीत मिली।
दिल्ली प्रदेश भाजपा के कई नेताओं ने कहा कि एससी के लिए आरक्षित 12 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी का प्रदर्शन ‘नगण्य’ रहा।
दिल्ली प्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘पार्टी इन निर्वाचन क्षेत्रों में वहां के मतदाताओं तक पहुंच बनाने की तमाम कोशिशों के बावजूद लगातार हार रही है। 2015 और 2020 चुनाव सहित गत कई सालों से भाजपा इन 12 सीटों में से एक पर भी जीत दर्ज नहीं कर पाई है।’’
नेताओं ने कहा कि पार्टी दिल्ली के पंजाबी मतदाताओं में भी अपनी उपस्थिति मजबूत करने में असफल रही।
दिल्ली प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, ‘‘पजांबी मतदाताओं के प्रभुत्व वाले 47 वार्ड में से भाजपा को 20 पर जीत मिली जबकि 27 आप के खाते में गई।’’
इससे पहले दिन में दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने पत्रकारों से कहा कि एमसीडी चुनाव में पार्टी 30 से 35 वार्डों में बहुत कम अंतर से हारी है।
गुप्ता ने कहा कि भाजपा 40 प्रतिशत मत हासिल करने में सफल रही और चुनाव महज दो प्रतिशत मतों के अंतर से हारी।
उन्होंने कहा, ‘‘2017 के नगर निकाय चुनाव में भाजपा को 36.08 प्रतिशत मत मिले थे और इस बार हमें 39.09 प्रतिशत मत मिले हैं। यह दिखाता है कि मतों में तीन प्रतिशत की वृद्धि हुई है।’’
आम आदमी पार्टी को एमसीडी चुनाव में कुल 42 प्रतिशत मत मिले हैं।
भाषा धीरज अर्पणा
अर्पणा
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