(राजकुमार लीशेंबा)
इंफाल, नौ मार्च (भाषा) मणिपुर विधानसभा चुनाव 2022 के लिए एग्जिट पोल में भाजपा की जीत का अनुमान व्यक्त किए जाने के बाद पार्टी बृहस्पतिवार को होने वाली मतगणना को लेकर जहां आश्वस्त दिख रही है वहीं कांग्रेस को उम्मीद है कि वह इस राज्य में अपनी विरोधी को सत्ता में वापसी करने से रोक लेगी।
राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में अगले कुछ दिनों तक दो मुख्य दलों में से किसी एक के संभावित दबदबे की उम्मीद के बीच दोनों में से किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत न मिलने की स्थिति में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी), नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ), जद(यू) अहम भूमिका निभा सकते हैं।
इम्फाल के मध्य में भाजपा के राज्य कार्यालय में बृहस्पतिवार को आने वाले परिणामों की तैयारी में, कार्यालय परिसर की सफाई और चारदीवारी पर पार्टी के नए झंडे लगाने में व्यस्त कार्यकर्ता उत्साहित नजर आए।
नाम न बताने की शर्त पर एक पदाधिकारी ने कहा कि परिणाम आने पर विजयी उम्मीदवारों को सम्मानित करने की तैयारी चल रही है।
इस बीच, भाजपा कार्यालय से एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर कांग्रेस पार्टी के कार्यालय में सबकुछ सामान्य रूप से चलता दिखा और वहां के कर्मी बिना किसी तामझाम के काम करते नजर आए।
चुनावों से पहले, मणिपुर भाजपा अध्यक्ष ए शारदा देवी ने भविष्यवाणी की थी कि 2022 के विधानसभा चुनावों में पार्टी कुल 60 निर्वाचन क्षेत्रों में से 40 से अधिक सीटें जीतेगी। पार्टी ने सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ा है।
इससे पहले ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि इस बार पार्टी को एन बीरेन सिंह सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों और जमीन पर लोगों की प्रतिक्रिया के आधार पर “40 से अधिक सीटें जीतने का पूरा भरोसा” है।
दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह ने भी विश्वास जताया था कि उनकी पार्टी राज्य में सत्ता में वापसी करेगी क्योंकि लोग भाजपा सरकार के “खोखले वादों और झूठ” से तंग आ चुके हैं।
उन्होंने कहा था, “हमने कुल (53) उम्मीदवारों को खड़ा किया है, हम हर एक की क्षमता को जानते हैं और हम उनमें से 40-45 की जीतने की क्षमता में दृढ़ता से विश्वास करते हैं।”
हालांकि, उन्होंने कहा, “अगर हम बहुमत से कम हो जाते हैं, तो समान विचारधारा वाले दलों के साथ चुनाव के बाद गठबंधन होगा।”
कांग्रेस 2017 के चुनावों में 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी लेकिन भाजपा ने उसके चुने हुए सदस्यों को अपने पाले में मिलाकर सरकार बना ली थी। इससे सबक लेकर इसकी पुनरावृत्ति को रोकने के लिये सिंह ने कहा कि पार्टी विधायक इस बार “एक जगह साथ रहने जैसे ऐहतियाती कदम उठाएंगे।”
कांग्रेस पहले ही भाकपा, माकपा, फॉरवर्ड ब्लॉक, आरएसपी और जद (एस) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन की घोषणा कर चुकी है।
विभिन्न एग्जिट पोल ने राज्य में भाजपा की जीत की भविष्यवाणी की है, जिसमें पार्टी को 23 से 43 तक की सीटें मिलने की उम्मीद जताई गई है जबकि कांग्रेस को चार से 17 सीटों के बीच मिलने की भविष्यवाणी की गई है। एनपीपी के भी 4-14 सीटें जीतने का अनुमान है, जबकि भाजपा की सहयोगी एनपीएफ को 2-8 सीटें मिलने की उम्मीद एग्जिट पोल में की गई है।
भाषा
प्रशांत उमा
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