शिमला, 18 अप्रैल (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना द्वारा आयोजित होली पार्टी का कथित 1.22 लाख रुपये का बिल भुगतान के लिए राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) को भेजा जाना ‘‘नैतिक आचरण और प्रशासनिक शिष्टाचार’’ के खिलाफ है।
दरअसल हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के ‘होटल हॉलिडे होम’ द्वारा जारी बिल की कथित प्रति ऑनलाइन सामने आई, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया। विपक्षी दल भाजपा ने इसे ‘‘सरकारी धन की बर्बादी’’ करार दिया।
सक्सेना की सेवानिवृत्ति पर दी गई पार्टी में 14 मार्च को 75 मेहमानों के लिए दोपहर के भोजन और स्नैक्स का इंतजाम किया गया था, जिसमें आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारी और उनके परिवार शामिल थे। बिल में 22 चालकों और अन्य कर्मचारियों के दोपहर के भोज में हुआ खर्च भी शामिल था। सोशल मीडिया में सामने आई बिल की प्रति से ऐसी जानकारी सामने आई है।
मुख्य सचिव से इस संबंध में बात नहीं हो सकी।
सक्सेना की सेवानिवृत्ति 31 मार्च को होनी थी। लेकिन उन्हें छह माह का विस्तार दिया गया। कार्यकाल विस्तार मिलने के बाद भी उनकी सेवानिवृत्ति पार्टी हुई।
भाजपा विधायक बिक्रम सिंह ने एक बयान में कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि यह लोकतांत्रिक भावना, नैतिक आचरण और प्रशासनिक शिष्टाचार के विपरीत है। जब राज्य एक लाख करोड़ रुपये के कर्ज में डूबा हो, तब ऐसी घटनाएं दर्शाती हैं कि सरकार और नौकरशाही को आम लोगों की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है।’’
सिंह पूर्व में मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह ‘‘कार्यभार और वित्तीय अनुशासन की उपेक्षा’’ के साथ-साथ केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम 1964 का उल्लंघन भी है।
विधायक एवं भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने सवाल उठाया कि नकदी की कमी से जूझ रहा राज्य इस तरह की फिजूलखर्ची कैसे बर्दाश्त कर सकता है।
भाषा शोभना नरेश
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