दिल्ली/बेंगलुरु, 27 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी ने पहलगाम आतंकवादी हमले के अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में केंद्र सरकार को पूरा समर्थन दिया है लेकिन उसे सभी को विश्वास में लेना चाहिए, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विपक्षी पार्टी पर ‘आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र’ का बचाव करने और ‘पाकिस्तान के प्रति प्रेम’ दिखाने का आरोप लगाया है।
जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल को पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों द्वारा किए गए नरसंहार के बाद जहां सुरक्षा बलों ने आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की है, वहीं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने आगाह किया है कि आतंकवाद का विरोध करने वाले निर्दोष लोगों को खामियाजा ना भुगतना पड़े।
‘एक्स’ पर एक पोस्ट में अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘पहलगाम आतंकी हमले के बाद आतंकवाद और उसके मूल के खिलाफ निर्णायक लड़ाई होनी चाहिए। कश्मीर के लोग आतंकवाद और निर्दोष लोगों की हत्या के खिलाफ खुलकर सामने आए हैं, उन्होंने यह सब स्वतंत्र और सहज रूप से किया। अब समय आ गया है कि इस समर्थन को और मजबूत किया जाए और लोगों को अलग-थलग करने वाली किसी भी गलत कार्रवाई से बचा जाए। दोषियों को दंडित करें, उन पर कोई दया न दिखाएं, लेकिन निर्दोष लोगों को नुकसान न होने दें।’’
महबूबा मुफ्ती ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत सरकार को हाल ही में पहलगाम हमले के बाद सावधानी से काम करना चाहिए और आतंकवादियों और नागरिकों के बीच अंतर करना चाहिए। उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि निर्दोष लोग खासकर आतंकवाद का विरोध करने वाले किसी भी तरह से प्रभावित न हों।’’
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकवादियों ने 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे। इस घटना से व्यापक गुस्सा और आक्रोश फैल गया है और पहले से ही तनावपूर्ण भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव और बढ़ गया है।
कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कहा कि इस मुद्दे पर तुच्छ राजनीति नहीं होनी चाहिए और सरकार को देश के हित में निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।
हालांकि, भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पाकिस्तान के ‘बचाव’ में जुट गई है। सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाद्रा, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर द्वारा पहलगाम हमले के लिए कथित तौर पर पाकिस्तान और आतंकवादियों को दोषी ठहराने से इनकार करने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कांग्रेस का तुष्टीकरण पहलगाम आतंकी हमले पर भी जारी है!’’
उन्होंने कहा, ‘‘26/11 के बाद से कांग्रेस में कुछ भी नहीं बदला है, वह अब भी आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को बचा रही है, अब भी पाकिस्तान के प्रति प्रेम दिखा रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान को आंसू की हर बूंद, खून की हर बूंद, हर मासूम की जान की कीमत चुकानी पड़ेगी, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा है कि ‘मिट्टी में मिला देंगे’।’’
अय्यर ने शनिवार को यहां एक पुस्तक विमोचन समारोह के दौरान आश्चर्य जताते हुए कहा था कि क्या 22 अप्रैल का आतंकी हमला, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, ‘‘विभाजन के अनसुलझे सवालों का नतीजा था।’’
सिद्धरमैया के ‘युद्ध के पक्ष में नहीं’ वाले बयान और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा के पति रॉबर्ट वाद्रा की इस राय पर कि पहलगाम में गैर-मुसलमानों पर इसलिए हमला किया गया क्योंकि आतंकवादियों को लगता है कि देश में मुसलमानों के साथ ‘बुरा व्यवहार’ किया जा रहा है, की भाजपा ने पहले ही कड़ी आलोचना की थी। भाजपा के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘कांग्रेस पाकिस्तान को बचाने के लिए दौड़ पड़ी।’’
उन्होंने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पाकिस्तान में यह सुझाव देने के लिए उद्धृत किए जा रहे हैं कि हमें पाकिस्तान से भिड़ने के बजाय कश्मीर में सुरक्षा उपायों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जबकि वे भारतीय हिंदुओं की निर्मम हत्या कर रहे हैं।
पाकिस्तानी मीडिया द्वारा उनकी टिप्पणियों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए जाने और भाजपा की आलोचना के बीच, सिद्धरमैया ने रविवार को कहा कि उन्होंने ‘युद्ध के लिए पूरी तरह से मना’ नहीं किया, बल्कि उनका मतलब था कि युद्ध तभी होना चाहिए जब यह अपरिहार्य हो, क्योंकि यह समाधान नहीं है।
सिद्धरमैया ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से कहा, ‘‘युद्ध की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन यदि युद्ध अपरिहार्य हो गया हो तो ही युद्ध होना चाहिए… केवल तभी जब यह अपरिहार्य हो गया हो, युद्ध से कोई समाधान नहीं हो सकता। मैंने युद्ध की मांग करने के लिए मना नहीं किया।’’
पहलगाम में पर्यटकों को सुरक्षा प्रदान करना केंद्र सरकार का कर्तव्य बताते हुए उन्होंने अपना रुख दोहराया कि इस संबंध में चूक हुई और घटना को रोकने में खुफिया विभाग विफल रहा।
इसी तरह समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने पहलगाम हमले को लेकर केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘बड़ा सवाल यह है कि आतंकवादी हमारे घर तक कैसे पहुंचे.. यह सरकार की विफलता है। यह खुफिया विफलता का नतीजा है। वहां उचित सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी और सुरक्षा बल वहां नहीं पहुंच सके। अब लोग पहलगाम के साथ पुलवामा की भी बात कर रहे हैं।’’
उन्होंने आतंकवादी हमले के प्रत्येक पीड़ित के परिवार को 10 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता और एक सरकारी नौकरी देने की मांग की।
खरगे ने कहा कि देश महत्वपूर्ण है और इसे बचाने तथा इसके कल्याण के लिए सभी को मिलकर लड़ना होगा। उन्होंने बृहस्पतिवार को आतंकी हमले पर चर्चा के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शामिल न होने पर भी आपत्ति जताई।
बेंगलुरू में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम समर्थन देंगे। इसका उचित उपयोग करेंगे। अगर वे (केंद्र) सभी को विश्वास में लेते हैं, तो आगे के कदम उठाना आसान होगा। लेकिन एक-दूसरे की आलोचना करते रहना ठीक नहीं होगा।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे सरकार से पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर मई में यथाशीघ्र संसद का विशेष सत्र बुलाने का आग्रह करें। सिब्बल ने कहा, ‘‘25 अप्रैल को मैंने सुझाव दिया था कि दुख की इस घड़ी में देश की एकता दिखाने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी राजनीतिक दलों से आग्रह करता हूं कि वे सरकार से मई में यथाशीघ्र ऐसा सत्र बुलाने का आग्रह करें।’’
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को सबक सिखाया जाए और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके)को वापस लिया जाए।
बनर्जी ने ‘एक्स’ पर लिखा, “यह और ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करने या पाकिस्तान को प्रतीकात्मक धमकियां देने का समय नहीं है। अब उन्हें उनकी समझ में आने वाली भाषा में सबक सिखाने का समय आ गया है। अब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को वापस लेने का समय आ गया है।”
सभी दलों के नेताओं ने बृहस्पतिवार को आतंकवाद और आतंकी शिविरों के खिलाफ ‘निर्णायक कार्रवाई’ का आह्वान किया था और सरकार को अपना पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया था।
पहलगाम हमले पर चर्चा के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सरकार ने कहा था कि वह सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठा रही है और नेताओं को आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
भाषा संतोष नरेश
नरेश
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