भुवनेश्वर, 14 अक्टूबर (भाषा) विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) ने पुरी में भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार में रखे आभूषणों और कीमती सामान की सुरक्षा पर चिंता जताई तथा ओडिशा सरकार पर धर्म के नाम पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।
बीजद ने कीमती सामान की सूची बनाने में देरी पर भी चिंता व्यक्त की, जबकि 23 सितंबर को मरम्मत के बाद उन्हें रत्न भंडार में वापस भेज दिया गया था।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने 46 वर्षों में पहली बार जुलाई 2024 में मरम्मत के लिए खजाने के आंतरिक कक्ष को खोला था, जिसके कारण आतंरिक और बाहरी दोनों कक्षों में रखे सामान को अस्थायी कमरों में ले जाया गया था।
पुरी शहर के रहने वाले बीजद सांसद सुभाशीष खुंटिया ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार की मंशा ‘‘संदिग्ध’’ है क्योंकि वह रत्न भंडार की सूची बनाने में लगातार देरी कर रही है।
खुंटिया ने याद दिलाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 2024 के घोषणापत्र में खजाने की मूल्यवान वस्तुओं की एक व्यापक सूची बनाने का वादा किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन जानबूझकर इस प्रक्रिया में देरी कर रहा है।
उन्होंने चेतावनी दी कि ‘‘रत्न भंडार की सूची तैयार करने में किसी भी प्रकार की देरी से यह संकेत मिलेगा कि मंदिर के खजाने से बहुमूल्य वस्तुएं लूट ली गई हैं और भाजपा सरकार जनता के प्रति जवाबदेह होगी।’’
रत्न भंडार की मरम्मत के बाद आभूषणों और कीमती सामानों को उसमें स्थानांतरित करने के तुरंत बाद कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा था कि कीमती सामान की सूची भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के विशेषज्ञों की उपस्थिति में बनाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि आरबीआई ने अपने विशेषज्ञों के नाम भी दिए हैं और सूची राज्य सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार बनाई जाएगी।
भाषा गोला वैभव
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