पणजी, चार मई (भाषा) बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स), पिलानी के गोवा परिसर ने कहा है कि पाठ्यक्रम में सुधार की प्रक्रिया चल रही है और विद्यार्थियों को यह विकल्प दिया जा रहा है कि यदि वे तनाव में हैं तो बाद में परीक्षा दे सकते हैं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
संस्थान ने यह कदम उसके गोवा परिसर में पिछले पांच महीनों में छात्रों की आत्महत्या के तीन मामलों के बाद उठाया है। संस्थान ने परिसर में छात्रों के लिए उपलब्ध सहायता प्रणाली की आंतरिक समीक्षा भी शुरू कर दी है।
इस सप्ताह की शुरुआत में 20-वर्षीय एक छात्र अपने छात्रावास के कमरे में फंदे से लटका पाया गया था।
संस्थान की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘हम मौजूदा पाठ्यक्रम में सुधार कर रहे हैं और शैक्षणिक सामग्री को सुव्यवस्थित करने के लिए एक अलग समिति का गठन किया गया है। मौजूदा परिस्थितियों में मुश्किल में फंसे विद्यार्थियों को बाद में परीक्षा देने की छूट दी गई है।’’
इसमें कहा गया, ‘‘संशोधित पाठ्यक्रम में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य तथा तनाव प्रबंधन पर नए पाठ्यक्रम शामिल किए जाएंगे। व्यक्तिगत सहायता और समय पर हस्तक्षेप करने के लिए एक छात्र कल्याण डैशबोर्ड विकसित किया जा रहा है।’’
संस्थान ने विद्यार्थियों से भी समस्या होने पर खुलकर मदद मांगने का भी आग्रह किया है।
बयान में कहा गया, ‘‘जब आप अंतर्द्वद्व का सामना कर रहे हों, तो उसे पहचानें और सहायता के लिए आगे बढ़ें। थेरेपी की प्रक्रिया पर भरोसा करें और परिवार और प्रियजनों के साथ खुलकर बात करें। चाहे हमारी सहायता प्रणाली कितनी भी मज़बूत क्यों न हो, वे तभी मदद कर सकती हैं, जब विद्यार्थी उनसे जुड़ना चाहें। मदद के लिए आगे आना कमजोरी की निशानी नहीं है। यह आत्म-जागरूकता और ताकत का एक साहसी कार्य है। अगर आपको इससे निपटना मुश्किल लग रहा है, तो कृपया बताएं। मदद उपलब्ध है और आपको इसका सामना अकेले नहीं करना है।’’
संस्थान ने कहा कि वह स्थानीय प्राधिकारियों और परिवार को सहायता प्रदान कर रहा है तथा उसने यह समझने के लिए आंतरिक समीक्षा शुरू कर दी है कि वह अपनी सहायता प्रणाली को और अधिक कैसे मजबूत कर सकता है।
बिट्स पिलानी गोवा परिसर ने कहा, ‘‘हमारे छात्र कृष्ण कसेरा की दुखद मृत्यु ने पूरे समुदाय को बहुत दुखी कर दिया है। हम उनके परिवार, दोस्तों और उनके जीवन से प्रभावित सभी लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। हम समझते हैं कि यह सभी के लिए एक अविश्वसनीय रूप से कठिन समय है और हम अपने समुदाय के सभी सदस्यों को विनम्र सहायता और देखभाल प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।’’
बयान में कहा गया, ‘‘हम स्थानीय अधिकारियों और परिवार को पूर्ण सहायता प्रदान कर रहे हैं और यह समझने के लिए एक आंतरिक समीक्षा शुरू की है कि हम अपनी सहायता प्रणालियों को और कैसे मजबूत कर सकते हैं।’’
भाषा धीरज सुरेश
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