नई दिल्ली: ‘वाह यह कितना आश्चर्यजनक है! मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है कि बिटकॉइन माइनिंग असल चीज है. मुझे आप सभी को 3 घंटे के भीतर बिटकॉइन माइनिंग कंपनी में निवेश करने और पैसे कमाने के बारे में बताते हुए बहुत खुशी हो रही है. मैंने 50k (पचास हजार) का निवेश किया और 3 घंटे के समय में 500k (पांच लाख) का मुनाफा कमाया. ये रहा उसका सबूत जल्दी करें और उसे @bianca_maria_fx.पर डीएम करें.’
अगर इस तरह की कोई स्टोरी आपके दोस्तों अथवा परिचितों के इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी दिखाई देती है, तो इस बात की संभावना अधिक है कि इसे किसी क्रिप्टो स्कैमर (घोटालेबाज) द्वारा हैक कर लिया गया है. इससे भी बदतर बात तो यह है कि इन कोम्प्रोमाइज़्ड (हैक किये गए) अकाउंट का उपयोग इसके यूजर के जाने बिना संदेहरहित पीड़ितों को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है.
एक सरसरी नज़र डालने से इस बात के कोई संकेत मिलने की संभावना नहीं होती है कि स्कैमर्स अपने गुप्त मिशन के तहत उन लोगों को धोखा देने की जुगाड़ में हैं जो जल्दी पैसा बनाना चाहते हैं.
जालसाज इसे वास्तविक रूप देने के लिए इंस्टाग्राम यूजर्स की तस्वीरों और टैग किए गए एकाउंट्स के साथ ऊपर दिए गए संदेशों जैसे पोस्ट करते हैं. कई बार इसका कैप्शन किसी फोन वॉलपेपर के स्क्रीनशॉट जैसा दिखता है. ‘पे पाल’ या ‘बैंक खाते’ से मिले संदेश इस तरह की धोखाधड़ी के काम को पूरा करते हैं.
जब यूजर इन टैग किए गए एकाउंट्स पर क्लिक करते हैं, तो सामान्य रूप से जो प्रोफ़ाइल सामने आती हैं, वे गूगल से ली गई कुछ महिलाओं के साथ-साथ फैंसी कारों की तस्वीरों और इस तरह के पोस्ट की होती हैं जो क्रिप्टोकुरेंसी के माध्यम से पैसे बनाने का दावा करती हैं.
‘हाई देयर, (मेरा) नया पेपाल बैलेंस है $10,010.07 है. यह पैसा अभी-अभी मेरे पेपाल में आया है, कोई खास झंझट भी नहीं है, आप भी एक बार इसकी कोशिश करें,’ या’आप सभी ने सोचा होगा कि यह नकली है, पर मैंने अभी $1000 डॉलर को रीइन्वेस्ट (पुनर्निवेश) किया और केवल 3 घंटों में मुझे $10,000 डॉलर वापस मिल गए, बहुत-बहुत धन्यवाद.’ – कुछ इसी तरह के संदेश संभावित क्रिप्टो यूजर्स को लुभाने की कोशिश करते हैं.
ज्यादा संदेह न करने वाले इंस्टाग्राम यूजर्स को इस बात का अंदाजा भी नहीं होता कि ऐसी तस्वीरें किसी हैक किए गए प्रोफाइल के जरिए पोस्ट की जा रही हैं. एक के बाद एक पोस्ट के जरिये घोटालेबाज यह साबित करने के लिए स्क्रीनशॉट और संदेश दिखाते हैं कि कैसे (इनका) व्यक्तिगत पेपाल बैलेंस बढ़ गया है या कैसे बिटकॉइन माइनिंग एक ‘वास्तविक और वैध (रियल एंड लेगिट)’ जरिया है. ‘आप सभी ने सोचा होगा कि यह नकली है, पर मैंने अभी $1000 डॉलर का को रीइन्वेस्ट (पुनर्निवेश) किया और केवल 3 घंटों में मुझे $10,000 डॉलर वापस मिल गए, बहुत-बहुत धन्यवाद’- कुछ इसी तरह के संदेश पहले से कोई शक न कर रहे पीड़ितों को दिखाई देंगे.
इस जून में, साइबर-सुरक्षा कंपनी क्लाउडसेक एक ऐसे हाई-प्रोफाइल घोटाले पर एक रिपोर्ट लेकर आई थी जिसमें जालसाजों द्वारा भारतीय निवेशकों को 1,000 करोड़ रुपये का चुना लगाया गया था. इसमें कहा गया की कॉइनएग का यह घोटाला ‘फर्जी डोमेन और सोशल मीडिया एकाउंट्स का उपयोग यूजर्स को नकली एक्सचेंजों में निवेश करने के लिए प्रेरित करने हेतु करता है.’
इस बीच दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि ये घोटालेबाज अपना अकाउंट डिलीट करते रहते हैं या इंस्टाग्राम हैंडल के नाम बदलते रहते हैं.
इन अधिकारी ने कहा, ‘इसके अलावा, एक बार जब किसी यूजर के साथ घोटाला हो जाता है, और जब तक इसकी शिकायत प्राप्त होती है, तब तक सारा पैसा पहले ही गबन किया जा चुका होता है. क्रिप्टोकरेंसी वाली धोखाधड़ी पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ी है, खासकर कोविड के प्रकोप के बाद से. जल्दी पैसा दिलाने का झांसा देकर बेगुनाहों को फुसलाया जाता है. कुछ मामलों में, वे यूजर्स के फोन का रिमोट एक्सेस (दूर से संचालित करने की क्षमता) तक भी हासिल कर लेते हैं.’
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और गंदा होता जा रहा है यह खेल
क्रिप्टो घोटाले के एक और मामले में दिल्ली की एक 20 वर्षीय कॉलेज छात्रा को एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से एक कॉल आया, जिसमें उसे एक वीडियो रिकॉर्ड करने और इसे उस नंबर पर व्हाट्सएप के माध्यम से भेजने के लिए कहा गया था. उसे यह कहते हुए ब्लैकमेल किया गया था कि अगर वह चाहती है कि उसका अकाउंट फिर से चालू हो जाए तो उसे कहना होगा बिटकॉइन माइनिंग वैध और लाभ कमाने वाला है.
पिछले एक सप्ताह के दौरान दिप्रिंट को ऐसे कम-से-कम सात मामले मिले. जिनका पैटर्न (स्वरुप) लगभग एक जैसा था, अधिकांश संदेशों में कमोबेश एक ही जैसी भाषा थी. इनमें से एक के मामले में, असम में रहने वाले एक 25 वर्षीय छात्र को तब इस बात का एहसास हुआ कि उसके अकाउंट के साथ घोटाला हुआ है, जब उसके एक दोस्त क्रिप्टो ट्रेडिंग से सम्बंधित पोस्ट की एक श्रृंखला देखने के बाद अगले दिन ने उसे फोन किया.
चीजें तक और बदतर हों गयीं जब उसके दोस्त ने इंस्टाग्राम पर ‘निवेश’ के बारे में पूछने के लिए उसे मैसेज किया. तब इस छात्र का नकली रूप धारण किये हैकर ने इसके बारे में और संदेश भेजना शुरू किया. इस का पूरा ब्यौरा कुछ इस तरह से है.
यूजर 1 – ‘क्या आप गंभीर हो?’
हैकर – ‘वास्तविक और वैध. 100% सुनिश्चित बिटकॉइन माइनिंग इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म. मैंने 3 घंटे से भी कम समय में $500 डॉलर की राशि के साथ निवेश किया और मुझे अपने मुनाफे के रूप में $5000 डॉलर मिले. क्या आपकी भी रुचि है?’
हैकर – ‘यह उसका पेज है, अभी उसे फॉलो करें. उसे एक संदेश भेजें और बिटकॉइन माइनिंग में निवेश करना शुरू करें.’
यूजर 1 – ‘आपने कितना निवेश किया?’
हैकर – ‘$500 यानि कि 40,000 रुपए.’
अगले दिन, यूजर ने एक मजाक के रूप में बॉलीवुड फिल्म ‘फिर हेरा फेरी’ के एक संवाद के साथ एक मीम भेजा – ‘25 दिन मैं करोड़पति!’. हैकर ने जवाब दिया: ‘असली और वैध, 100% निश्चित (आमदनी).’ अपने इंस्टाग्राम अकाउंट को फिर से बहाल करने (रिस्टोर) करने में इस यूजर को एक पूरा दिन लग गया.
उपरोक्त में से किसी भी यूजर ने आधिकारिक रूप से कोई पुलिस शिकायत दर्ज नहीं की. इस बारे में और जानकारी के,लिए दिप्रिंट ने ईमेल के जरिए मेटा (इंस्टाग्राम की मूल कंपनी) के प्रवक्ता से संपर्क किया है. उनकी प्रतिक्रिया मिलने पर इस खबर को अपडेट कर दिया जाएगा.
दिप्रिंट द्वारा उनके एक बयान के लिए संपर्क किये जाने पर असम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) भास्कर ज्योति महंत ने कहा: ‘हमें इस मामले पर कुछ शिकायतें मिली हैं और हम इस पर गौर कर रहे हैं.’
यूजर्स को धोखा देने के कई सारे तरीके
इंस्टाग्राम पर भी क्रिप्टोकरेंसी वाली धोखाधड़ी के अन्य उदाहरण मिले हैं. मिसाल के लिए, कुछ यूजर्स को कई अजनबियों, जिनमें ज्यादातर महिलाएं होती हैं, से उनके चैट पर निजी संदेश भी प्राप्त होते हैं.
बातचीत सामान्य रूप से शुरू होती है लेकिन पहले कुछेक संदेशों के बाद, बात क्रिप्टो में निवेश करने पर आ जाती है. आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली तरकीबों में से एक है इंस्टाग्राम पोस्ट पर निवेश के लिंक और मैनेजर के हैंडल लगाना. जब इंस्टाग्राम यूजर उनसे डायरेक्ट मैसेजेज के माध्यम से जुड़ते हैं तो ये घोटालेबाल क्रिप्टो ट्रेडिंग के विशेषज्ञ के रूप में पेश आते हैं.
हालांकि, यूजर्स का विश्वास जीतने के लिए बिनेंस जैसे जाने-माने क्रिप्टो एक्सचेंजों के नाम भी गिनाये जाते हैं, मगर अक्सर जालसाज एक नकली क्रिप्टो एक्सचेंज के लिंक को वैध कंपनी के रूप में साझा करते हैं.
तो, फिर यूजर घोटालेबाजों के इस जाल में पड़ने से कैसे बच सकते हैं? धोखेबाजों की पहचान करने का एक तरीका यह है कि इंस्टाग्राम पर मैसेज करते समय हैकर्स और नकली वेश धारण करने वालों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा पर नजर रखें.
इन संदेशों की एक सरसरी पड़ताल आपको ‘योआल ‘, ‘लेगिट’ के रूप में लिखे गए शब्दों के बार-बार उपयोग को दिखाएगा. विराम चिह्न (पंक्चुएशन) और व्याकरण (ग्रामर) से जुडी खामियां भी यूजर्स को संभावित घोटालेबाज के काम पर लगे होने के बारे में बता सकती है.
ऊपर उल्लेख किये गए दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फ़िशिंग क्रिप्टो लिंक पोस्ट करने का चलन देखा गया है. यूजर्स को जब भी किसी और का अकाउंट हैक होने की सूचना मिलती है, तो उन्हें अपना पासवर्ड बदल देना चाहिए. इसके अलावा, हर किसी को सोशल मीडिया पर डाले गए इनमें से किसी भी लिंक पर क्लिक करने या रैंडम एकाउंट्स से जुड़े लोगों के साथ क्रिप्टो करेंसी पर चर्चा करने से बचना चाहिए.’
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)
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