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Saturday, 18 May, 2024
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बायोकॉन के रक्त शोधन उपकरण को गंभीर कोरोना रोगियों के इलाज के लिए ड्रग रेगुलेटर की मंजूरी

साइटोंसोर्ब को 2013 में सेप्सिस रोगियों के लिए लाया गया था. अब इसे कोरोना रोगियों के इलाज के लिए, उनके साइटोकिन्स के स्तर को कम करने में मदद करने के लिए अनुमति दी गई है.

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नई दिल्ली: बेंगलुरु स्थित बायोकॉन बायोलॉजिक्स ने गंभीर कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए अपने रक्त शोधन उपकरण साइटोसोर्ब के लिए ड्रग रेगुलेटर से अनुमति प्राप्त कर ली है.

कंपनी ने बुधवार को एक बयान में कहा, कोविड-19 के आईसीयू में भर्ती रोगियों के साइटोकिन्स के स्तर को कम करने की अनुमति साइटोसोर्ब को दी गई है.

बायोकॉन बायोलॉजिक्स को कोविड​​-19 रोगियों, जो 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं, के इलाज के लिए भारतीय स्वास्थ्य नियामक द्वारा साइटोसोर्ब के आपातकालीन उपयोग के लिए लाइसेंस दिया गया है.

साइटोसोर्ब को भारत में 2013 में सेप्सिस के इलाज पर प्रारंभिक ध्यान देने के लिए लाया गया था, जो उत्पाद के उपयोग के लिए सबसे बड़े संकेतों में से एक था.

बयान में कहा गया है कि साइटोसोर्ब के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया का लाइसेंस तब तक प्रभावी रहेगा जब तक कि देश में कोविड-19 का प्रकोप नियंत्रण में नहीं आ जाता.

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अप्रैल में, यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने कोविड-19 संक्रमण वाले रोगियों में उपयोग के लिए साइटोसोर्ब के आपातकालीन उपयोग को वैधता प्रदान की थी.

साइटोसोर्ब का उपयोग 

जबकि बायोकॉन की वेबसाइट के अनुसार, एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग किसी भी प्राथमिक संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है, साइटोसोर्ब का समवर्ती उपयोग अत्यधिक प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने, कुछ जीवाणु विषाक्त पदार्थों को हटाने और अन्य स्वस्थ अंगों को कोशिका-मध्यस्थता की चोट से बचने में मदद करता है.

बायोकॉन की कार्यकारी अध्यक्ष किरण मजूमदार-शॉ ने दिप्रिंट को बताया कोविड-19 के रोगियों के लिए साइटोसोर्ब के आपातकालीन उपयोग के लिए डीसीजीआई की मंजूरी इस बात का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि कैसे कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में चिकित्सकों और रोगियों को नए उपचार के विकल्प प्रदान करने के लिए उद्योग और नियामक मिलकर काम कर रहे हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि साइटोसोर्ब भारतीय चिकित्सा समुदाय के लिए कोरोनावायरस के खिलाफ महत्वपूर्ण घातक अस्त्र साबित होगा.

साइटोकिन्स के उच्च स्तर, जिसे ‘साइटोकिन्स तूफान’ के रूप में भी जाना जाता है, जिससे कई अंग विफलता का कारण बन जाते हैं. यूएस नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के अनुसार, साइटोकिन्स तूफान एक गंभीर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया है जिसमें शरीर बहुत अधिक साइटोकिन्स को बहुत जल्दी रक्त में छोड़ देता है.

प्रारंभिक शोध से पता चलता है कि कोविड-19 के कई घातक मामले किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली के अधिक सक्रिय होने से उत्पन्न होते हैं.

उपयोग करने के हिसाब से साइटोसोर्ब एक ‘प्लग-एंड-प्ले’ डिवाइस है जो आईसीयू में सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले रक्त शोधन मशीनों या पंपों के साथ संगत है, जिसका इस्तेमाल कोविड-19 रोगियों, जैसे हेमोडायलिसिस, निरंतर गुर्दे की रिप्लेसमेंट थेरेपी (सीआरआरटी) के उपचार के लिए किया जाता है और एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन मशीनें हैं.

वेबसाइट ने बताया कि साइटोसोर्ब चिकित्सा का उपयोग दुनिया भर के 800 से अधिक क्लीनिकल ​​विभागों में 56,000 से अधिक मानव उपचारों में किया गया है.

(किरण मजूमदार-शॉ दिप्रिंट के प्रतिष्ठित संस्थापक-निवेशकों में से हैं. निवेशकों के विवरण के लिए कृपया यहां क्लिक करें.)

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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