नई दिल्ली: लोकसभा ने विपक्ष के हंगामे के बीच तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को बिना चर्चा के ही ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. लोकसभा के पटल पर विधेयक के पेश किए जाने के कुछ मिनटों में ही ये पारित हो गया.
विपक्षी पार्टियों ने बिल वापसी पर चर्चा की मांग की लेकिन उनकी मांगों को नहीं माना गया.
कृषि कानूनों की वापसी वाले विधेयक को मंजूरी मिलने पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘ये उन 750 किसानों को श्रद्धांजलि है जिन्होंने इस आंदोलन में अपनी जान गंवाई है.’
उन्होंने कहा, ‘ये आंदोलन जारी रहेगा क्योंकि एमएसपी समेत कई मुद्दों का समाधान होना अभी बाकी है.’
बता दें कि गुरु पर्व के दिन राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का ऐलान किया था. कुछ दिन पहले ही कैबिनेट ने भी इसे मंजूरी दी थी.
कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए किसान एक साल से आंदोलन कर रहे हैं और 26 नवंबर को इस आंदोलन के एक साल पूरे हुए थे.
मोदी सरकार द्वारा कानूनों को निरस्त करने के बाद किसान चाहते हैं कि उन्हें एमएसपी की गारंटी दी जाए. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी सारी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा. हालांकि मोदी सरकार ने किसानों से अपील की है कि अब वो अपने घर लौट जाए.
जय किसान आंदोलन से जुड़े योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘आज संसद में पेश किए बिल से तो लगता है कि यह तीन काले कानूनों को रद्द करने नहीं, बल्कि उन्हें दुबारा लागू करने की प्रस्तावना है.’ रस्सी जल गई मगर ऐंठ नहीं गई! (लगता है कृषि मंत्री को MSP का मतलब ही नहीं पता. उसे ‘Minimum Sale Price’ लिखा है).’
आज संसद में पेश किए बिल से तो लगता है कि यह तीन काले कानूनों को रद्द करने नहीं, बल्कि उन्हें दुबारा लागू करने की प्रस्तावना है।
रस्सी जल गई मगर ऐंठ नहीं गई!
(लगता है कृषि मंत्री को MSP का मतलब ही नहीं पता। उसे "Minimum Sale Price" लिखा है) https://t.co/7f87IcCg30— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) November 29, 2021
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