नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि सरकार अंतरिक्ष क्षेत्र को प्रबंधित करने के लिए एक नए कानून पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पिछले चार वर्षों में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं और निजी कंपनियां उपग्रहों के निर्माण एवं प्रक्षेपण में अपनी छाप छोड़ रही हैं।
सिंह ने कहा कि भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम ‘गगनयान’ भी प्रगति पर है और इसे अगले साल की शुरुआत में प्रक्षेपित किये जाने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्य मंत्री ने यहां संवाददाता सम्मेलन में अंतरिक्ष संबंधी गतिविधि विधेयक की समयसीमा के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हम इस पर काम कर रहे हैं।’’
सिंह ने कहा कि सरकार ने वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने के उद्देश्य से 2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार किए जाने की घोषणा की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय अंतरिक्ष नीति अप्रैल 2023 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित अंतरिक्ष सुधार दृष्टिकोण को लागू करने के लिए एक व्यापक, समग्र और गतिशील ढांचे के रूप में जारी की गई थी।’’
मंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में ‘स्टार्ट-अप’ में तेजी से वृद्धि हुई है और निजी क्षेत्र की दो कंपनियां पहले ही उप-कक्षीय उड़ानें शुरू कर चुकी हैं।
सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में ‘स्टार्ट-अप’ की संख्या 2014 में मात्र एक से बढ़कर 2024 में लगभग 266 हो गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (आईएन-स्पेस) भी स्थापित किया है।
सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए भारतीय अंतरिक्ष केंद्र का पहला ‘मॉड्यूल’ बनाने के लिए गगनयान मिशन, चंद्रमा की चट्टानों के नमूने वापस लाने के लिए चंद्रयान-4, शुक्र ग्रह का अध्ययन करने के लिए एक मिशन शुरू करने और अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यान का निर्माण करने का लक्ष्य भी रखा है।
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