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Sunday, 31 August, 2025
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बाइकबोट घोटाला: ईडी ने 394 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की

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नयी दिल्ली, 31 अगस्त (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में सामने आए ‘बाइकबोट’ नामक कथित पोंजी घोटाले के सिलसिले में धन शोधन रोधी कानून के तहत 394 करोड़ रुपये से अधिक की और संपत्तियां कुर्क की गई हैं।

ईडी के अनुसार ये संपत्तियां कामाख्या एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर ट्रस्ट, कामाख्या एजुकेशनल सोसाइटी, गुरु नानक चैरिटेबल ट्रस्ट, अल्पाइन टेक्निकल एजुकेशन सोसाइटी, एपी गोयल चैरिटेबल ट्रस्ट और मीना आनंद नामक एक व्यक्ति के नाम पर हैं।

ईडी ने बताया कि कुर्क की गई संपत्तियों का कुल मूल्य 394.42 करोड़ रुपये है।

संघीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘वर्तमान कुर्की में 20.49 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियां और गिरवी रखी भूमि (जिसका मूल्य अपराध के समय 389.30 करोड़ रुपये है) तथा कुल 5.12 करोड़ रुपये की सावधि जमा शामिल हैं।”

एजेंसी ने कहा कि धन शोधन का यह मामला कुछ निवेशकों की ओर से मिलीं शिकायतों के आधार पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी से संबंधित है। शिकायतों में गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड (जीआईपीएल), संजय भाटी और अन्य पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है।

ईडी के अनुसार बाइकबोट पोंजी योजना से जुड़ी कंपनी जीआईपीएल और उसके प्रवर्तक संजय भाटी ने अन्य लोगों के साथ मिलकर ‘बाइकबोट’ नामक ‘बाइक टैक्सी’ की आड़ में एक ‘बेहद आकर्षक’ निवेश योजना शुरू की थी।

ईडी के अनुसार, इस कथित धोखाधड़ी योजना के तहत ग्राहक 1, 3, 5 या 7 बाइकों में निवेश कर सकता था, जिनका रखरखाव और संचालन कंपनी द्वारा किया जाना था।

ईडी ने कहा कि इसके बदले निवेशक को (एक से अधिक बाइकों में निवेश के मामले में) मासिक किराया, ईएमआई और बोनस का भुगतान करने और बाइनरी/मल्टी-लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) संरचना में अतिरिक्त निवेशकों को जोड़ने पर अतिरिक्त प्रोत्साहन देने का वादा किया गया।

एजेंसी ने कहा कि कंपनी ने विभिन्न शहरों में फ्रेंचाइजी भी आवंटित कीं, लेकिन इन शहरों में बाइक टैक्सी का संचालन मुश्किल से ही हुआ।

ईडी ने कहा कि जांच में पाया गया कि ‘बाइकबोट’ ‘घोटाले’ में जुटाई गई धनराशि को विभिन्न संबंधित कंपनियों में ‘डाला’ गया और बाद में शैक्षिक ट्रस्टों, सोसाइटियों और व्यक्तियों के माध्यम से इसे आगे पहुंचाया गया।

ईडी ने कहा कि इस पैसे का इस्तेमाल मेरठ में अचल संपत्तियां खरीदने और बैंकों में पहले से गिरवी रखी गई संपत्तियों को छुड़ाने में किया गया।

एजेंसी ने इस मामले में 2020 और 2023 में छापेमारी कर 220.78 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी और अब तक कुल 27 आरोपी संस्थाओं के खिलाफ चार आरोपपत्र दायर किए हैं।

भाषा जोहेब प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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