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Saturday, 23 November, 2024
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नीतीश का काम पर जोर, अपनी योजनाओं को बताया 90 फीसदी बीमारियों का हल

बिहार के मुख्यमंत्री ने हर घर शौचालय निर्माण निश्चय योजना और नल योजना की समीक्षा की. उन्होंने शहरी क्षेत्रों में आवासविहीन लोगों के लिए चलंत शौचालय के व्यवस्था का निर्देश दिया.

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पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विवादों के बीच अपनी विकास और काम पर ध्यान देने वाले नेता की छवि बनाये रखने चाहते हैं. इसके तहत वह मंगलवार को ‘हर घर शौचालय निर्माण निश्चय योजना’ की समीक्षा करने पहुंच गये. कुमार ने कहा कि शौचालय निर्माण के बाद भी लोग खुले में शौच जाते हैं, उनकी इस आदत में बदलाव के लिए प्रेरित करने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि खुले में शौच से मुक्ति और पीने का शुद्ध पानी अगर उपलब्ध हो जाए तो 90 फीसदी बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां ‘हर घर शौचालय निर्माण निश्चय योजना’ की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि ‘शुद्ध पेयजल के लिए हम लोग हर घर नल का जल उपलब्ध करा रहे हैं, चापाकल की व्यवस्था की जा रही है और जो सार्वजनिक कुंए हैं, उसे ठीक कराया जाएगा.’


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उन्होंने शहरी क्षेत्रों में आवासविहीन लोगों के लिए चलंत शौचालय की व्यवस्था करने का निर्देश अधिकारियों को दिया.

इससे पहले ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद चौधरी ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि इस वर्ष 2 अक्टूबर तक राज्य को पूर्णत: खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा कि लोहिया स्वच्छ अभियान के तहत जून 2016 में ग्रामीण विकास विभाग को यह काम सौंपा गया था.

ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने बताया कि राज्य के 534 प्रखंडों में से 247 प्रखंड अब तक खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि 8,386 ग्राम पंचायतों में से 6,271 ग्राम पंचायत खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि हम लोगों का लक्ष्य खुले में शौच से मुक्त सिर्फ बनाना ही नहीं, बल्कि इसको नियमित बनाए रखना है. बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह, मुख्य सचिव दीपक कुमार सहित कई अधिकारी उपस्थित थे.


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गौरतलब है कि मंगलवार को दिनभर उनकी पार्टी जेडीयू द्वारा इफ्तार करने का मुद्दा बना रहा. वह अपने काम के साथ इस पर प्रतिक्रिया भी देते रहे.

वहीं कुमार राजनीतिक तौर पर अब नकारात्मक मुद्दों पर बात करने के बजाय काम की चर्चा ज्यादा करते हैं. हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपने प्रचार में सकारात्मक मुद्दों और बिहार में किए गये अपने कामों पर चर्चा की जिसका पार्टी को पूरा फायदा मिला और उनकी पार्टी 40 में से 16 सीटें जीतने में सफल रही है और सहयोगी भाजपा और लोजपा को 17 और 6 सीटें मिली हैं जबकि विपक्षी राजद का सूपड़ा साफ हो गया. केवल महागठबंधन का हिस्सा रही कांग्रेस को एक सीट मिल पाई.

 

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