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Friday, 26 April, 2024
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बिहार : यूनिसेफ 28 मई से मासिक धर्म स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगा

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पटना, 26 मई (भाषा) यूनिसेफ विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस यानी 28 मई से राज्य के विभिन्न हिस्सों में मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगा।

बिहार में यूनिसेफ की प्रमुख नफीसा बिन्ते शफीक ने बृहस्पतिवार को कहा कि मासिक धर्म स्वच्छता एक वर्जित मुद्दा बना हुआ है जो सामाजिक सांस्कृतिक प्रथाओं में निहित है। उन्होंने कहा कि खराब ज्ञान और गलत धारणाएं पर्याप्त सुविधाओं तक पहुंचने के रास्ते में बड़ी चुनौती है।

शफीक ने कहा कि मानव प्रजनन चक्र के लिए मासिक धर्म के महत्व के बारे में जागरूकता की कमी के कारण देश के अधिकांश हिस्सों में चाहे वह ग्रामीण हो या शहरी, साक्षर या निरक्षर हो मासिक धर्म अभी भी एक वर्जित विषय माना जाता है।

उन्होंने कहा कि मासिक धर्म को अशुद्धता मानने की भ्रांति है जिसकी वजह से इस अवधि में लड़कियों और महिलाओं को खाना पकाने, बिस्तर पर सोने, घर से बाहर जाने, धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने और स्कूलों में भाग लेने जैसी गतिविधियों से रोका जाता है।

उन्होंने कहा कि स्कूलों में मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन (एमएचएम) से संबंधित सुविधाओं की कमी के कारण स्कूलों में लड़कियों की अनुपस्थिति होती है जिससे उनका शैक्षिक प्रदर्शन प्रभावित होता है।

शफीक ने कहा कि एमएचएम के बारे में जागरूकता पैदा करना केवल स्वच्छता और सैनिटरी नैपकिन वितरित करने के पहलू तक सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि यह एक व्यवहारिक मुद्दा भी है जो लड़कियों, लड़कों, माता-पिता और पूरे समुदाय को प्रभावित करता है।

उन्होंने कहा कि पुरुषों को भी मासिक धर्म के बारे में जागरूक होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यूनिसेफ 28 मई को बिहार के विभिन्न हिस्सों में सभी महिलाओं और लड़कियों के लिए एमएचएम से संबंधित कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगा।

भाषा अनवर

धीरज

धीरज

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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