नयी दिल्ली, 27 अगस्त (भाषा) मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को कहा कि बिहार में मृत घोषित किए गए लगभग 22 लाख मतदाताओं की मौत हाल-फिलहाल में नहीं हुई, बल्कि संभवतः अतीत में उनकी मौत दर्ज नहीं की गई थी।
कुमार ने यहां संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि मतदाता सूची के पिछले सामान्य पुनरीक्षण के दौरान गणना फॉर्म हर घर में नहीं दिए गए थे।
उन्होंने कहा कि जब तक लोग अपने परिवारों में हुई मौतों के बारे में सूचना नहीं देते, तब तक बूथ स्तर के अधिकारियों के पास ऐसे मामलों के बारे में जानने का कोई साधन नहीं होता।
कुमार ने कहा, “(मृत घोषित किए गए) 22 लाख मतदाताओं की मौत पिछले छह महीनों में नहीं हुई, बल्कि ये वे मृत मतदाता हैं, जिनका पिछले 20 वर्षों में कोई रिकॉर्ड दर्ज नहीं किया गया।”
उन्होंने कहा कि यह “सच्चाई” गणना फॉर्म के कारण सामने आ रही है।
कुमार ने यह भी कहा कि बूथ स्तर के अधिकारियों से गलतियां हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों की ओर से नियुक्त बूथ स्तर के एजेंट मतदाता सूची को “ठीक” करने में मदद कर सकते हैं।
भाषा पारुल राजकुमार
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