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Saturday, 23 November, 2024
होमदेशप्रचार पर ज्यादा खर्च कर पाएंगे बिहार के नेता, चुनावी खर्च की सीमा 10-15% बढ़ा सकता है चुनाव आयोग

प्रचार पर ज्यादा खर्च कर पाएंगे बिहार के नेता, चुनावी खर्च की सीमा 10-15% बढ़ा सकता है चुनाव आयोग

चुनाव आयोग की बढ़ी हुई सीमा कोविड के दौरान सभी चुनावों पर लागू होगी जिनमें एमपी उप-चुनाव भी शामिल हैं. फिलहाल, हर उम्मीदवार के लिए ये सीमा लोकसभा चुनावों में 50 लाख से 70 लाख और विधानसभा चुनावों के लिए 20 से 28 लाख है.

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नई दिल्ली: चुनाव आयोग कोविड-19 महामारी के दौरान होने वाले चुनावों के लिए चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के खर्च की सीमा 10-15 प्रतिशत तक बढ़ाने जा रहा है. दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है.

चुनाव आयोग के सूत्रों ने अनुसार खर्च की बढ़ी सीमा सभी चुनावों पर लागू होगी जिनमें इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव और 64 विधानसभा सीटों तथा एक संसदीय सीट के उपचुनाव शामिल हैं.

इसके पीछे विचार ये है कि उम्मीदवार कोविड महामारी के मद्देनज़र चुनाव प्रचार के लिए घोषित सुरक्षा उपायों की वजह से बढ़े हुए खर्च को वहन कर सकें.

आयोग के एक अधिकारी ने कहा, ‘कुछ दलों का विचार था कि कोविड की वजह से उन्हें ज़्यादा रैलियां करनी पड़ेंगी ताकि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन हो सके. साथ ही उन्हें स्वयंसेवकों की संख्या भी बढ़ानी होगी क्योंकि डोर-टू-डोर चुनाव प्रचार को केवल पांच लोगों तक सीमित कर दिया गया है. इसके अलावा उन्हें मास्क, सैनिटाइज़र्स और दूसरे कोविड उपकरण भी खरीदने होंगे ताकि सुचारू रूप से प्रचार कर सकें’.

भारतीय कानून में राजनीतिक दलों द्वारा किए गए चुनाव खर्च की कोई सीमा तय नहीं है लेकिन एक उम्मीदवार अपने चुनाव प्रचार पर कितना खर्च कर सकता है, इसकी एक सीमा तय है.

फिलहाल हर उम्मीदवार के लिए ये सीमा लोकसभा चुनावों में 50 से 70 लाख और विधानसभा चुनावों के लिए 20 से 28 लाख है. बजट में 10 से 15 प्रतिशत इज़ाफे के बाद ये रकम लोकसभा चुनावों के उम्मीदवारों के लिए 55 लाख से 80.5 लाख और विधानसभा चुनावों के लिए 22 लाख से 32.2 लाख हो जाएगी.


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नहीं मालूम कि ये कदम स्थाई है कि नहीं

ये पूछे जाने पर कि क्या ये बढ़ोतरी सिर्फ कोविड राहत के तौर पर की जा रही है या इसके बाद होने वाले सभी चुनावों पर भी लागू होगी, अधिकारी ने कहा कि इसपर फैसला होना बाकी है.

पिछले महीने बीजेपी ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया था कि बिहार विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार खर्च की सीमा को बढ़ाया जाए क्योंकि उसमें अधिक खर्च आएगा.

दिप्रिंट को मंगलवार को दिए एक इंटरव्यू में चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा था कि ईसीआई चुनाव खर्च की सीमा को बढ़ाने पर सक्रियता से विचार कर रहा है, हालांकि उन्होंने ये बताने से इनकार कर दिया कि ये प्रस्तावित बढ़ोतरी कितनी होगी.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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