पटना, 19 नवंबर (भाषा) बिहार सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन योजना के दो लाख से अधिक लाभार्थियों की मौत होने की बात सामने आने के बाद बुधवार को जिला अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस योजना के सभी लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन पूरा करें और मृत लाभार्थियों के खातों में भेजी गई राशि की वसूली सुनिश्चित करें। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
समाज कल्याण विभाग ने विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं जैसे वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांग पेंशन, मृत्यु मुआवजा तथा विवाह अनुदान की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में यह अहम निर्णय लिया। समीक्षा के दौरान पाया गया कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के दो लाख से अधिक लाभार्थियों की मौत हो चुकी है।
बैठक की अध्यक्षता करने वालीं विभाग की सचिव बंदना प्रेयशी ने कहा, “जिले के सभी सामाजिक सुरक्षा प्रकोष्ठ के सहायक निदेशक पारदर्शी सत्यापन सुनिश्चित करें, मृत लाभार्थियों की पेंशन का हस्तांतरण रोकें, जहां आवश्यक हो निर्धारित प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार वसूली करें और लंबित आवेदनों का निपटारा करें।”
उन्होंने यह निर्देश भी दिया कि जिला स्तर के सभी अधिकारी लक्ष्य तय करके सख्त कार्यशैली अपनाएं ताकि सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समयबद्ध और जवाबदेही के साथ पात्रों तक पहुंच सके।
बिहार सरकार ने एक बयान में कहा कि दिव्यांग, विधवा और वृद्धावस्था पेंशन के लिए अब भौतिक सत्यापन कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से किया जाएगा, जिसके लिए 80,000 कर्मियों की तैनाती की जाएगी।
बयान में कहा गया, “सीएससी के माध्यम से लाइफ ऑथेंटिकेशन नि:शुल्क होगा, और सेवा केंद्रों को फिंगरप्रिंट, आइरिस स्कैन और फेस ऑथेंटिकेशन सिस्टम की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि बायोमेट्रिक सीमाओं के कारण कोई भी लाभार्थी वंचित न रहे।”
सत्यापन अभियान एक दिसंबर 2025 से शुरू होगा।
समीक्षा बैठक में विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की प्रगति का आकलन किया गया।
भाषा कैलाश
जोहेब
जोहेब
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
