पटना: बिहार सरकार के एक मंत्री ने बृहस्पतिवार को दिप्रिंट को बताया, कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत की, सीबीआई जांच की सिफारिश करने के लिए ‘तैयार’ हैं.
एक्टर की मौत बिहार में एक सियासी मुद्दा बन गई है, जहां चुनाव आने वाले हैं, और अलग अलग दल सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के क़रीबी सूत्रों ने दिप्रिंट को ये भी बताया, कि राज्य सरकार पटना में एक्टर के पिता की ओर से, एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती के खिलाफ दर्ज शिकायत के आधार पर, सीबीआई जांज की सिफारिश करने को तैयार है.
मंत्री ने दिप्रिंट से कहा, ‘अब, जब इस राज्य में एफआईआर दर्ज हो गई है, तो बिहार सरकार को सीबीआई जांच की सिफारिश करने का पूरा हक़ है.’
एक्टर की 14 जून को ख़ुदकुशी करने से मौत हुई थी.
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नीतीश क्यों चाहते हैं सीबीआई जांच
सुशांत परिवार के वकील विकास सिंह के अनुसार, उनका परिवार इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस की, अभी तक की जांच की प्रगति से संतुष्ट नहीं है.
सिंह ने दिप्रिंट से कहा, ‘महाराष्ट्र पुलिस बॉलीवुड की नामी हस्तियों को बुलाकर अपने ऑफिस में बिठाए रखती है, और बस औपचारिकता पूरी कर रही है. ये सिर्फ ख़ानापूर्ति है’.
उन्होंने आगे कहा, ‘महाराष्ट्र पुलिस ने अभी तक एफआईआर भी दर्ज नहीं की है. इस केस में दर्ज पहला आपराधिक केस वो एफआईआर है, जो सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह ने कराई है’.
लेकिन, राज्य की राजनीतिक पार्टियां इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रही हैं.
लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के प्रमुख चिराग पासवान ने पहल करते हुए, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर, सीबीआई जांच की मांग की.
उसके बाद से, आरजेडी के तेजस्वी यादव, पूर्व सांसद और एक्टर शत्रुघन सिन्हा, एक्टर शेखर सुमन, यहां तक कि बीजेपी ने भी, केस को केंद्रीय एजेंसी को देने की मांग की है.
इस शोरग़ुल के बीच, नीतीश कुमार और उनकी जेडी(यू) थोड़ी ख़ामोश ही रही है. मुख्यमंत्री ने परिवार को अपनी सांत्वना तो भेजी, लेकिन उसके बाद से उनकी पार्टी ने कुछ नहीं किया है.
अब ऐसा लगता है कि जेडी(यू), एक ऐसी मौत के बारे में कुछ ख़ास करती नहीं दिखना चाहती, जिसने सूबे को हिला दिया है.
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बिहार पुलिस मुम्बई पहुंची
25 जुलाई को सुशांत सिंह के पिता के एफआईआर दर्ज करने के कुछ ही दिनों के भीतर, बिहार पुलिस की एक टीम मुम्बई पहुंच गई, जहां उसे कथित रूप से मुम्बई पुलिस का सहयोग नहीं मिला.
लेकिन, टीम ने सुशांत की पूर्व गर्लफ्रेंड अंकिता लोखांडे, और सुशांत की बहन के बयान दर्ज कर लिए.
एक जेडी(यू) मंत्री ने पूछा, ‘क्या आपको लगता है कि ऊपर से दबाव के बिना, बिहार पुलिस ने इतनी जल्दी कार्रवाई की होती?’
सत्ताधारी पार्टी चुनावी राज्य में एक्टर की लोकप्रियता का भी ख़याल रख रही है.
सुशांत सिंह राजपूत बिहार के युवाओं, ख़ासकर राजपूत और भूमिहार समुदायों के बीच, एक आइकन की हैसियत रखते थे. ये दोनों समुदाय उच्च जातियों में सबसे मुखर हैं, और बिहार की कुल 243 विधान सभा सीटों में से 40 में, एक निर्णायक प्रभाव रखते हैं.
विधान सभा चुनाव केवल तीन महीने दूर हैं, और मुख्यमंत्री सीबीआई जांच की, उनकी मांग की अनदेखी नहीं कर सकते.
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एफआईआर
सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह की ओर से दर्ज एफआईआर में, एक्टर रिया चक्रवर्ती को मुख्य निशाना बनाया गया है, जिन्होंने ख़ुद गृह मंत्री अमित शाह को ट्वीट करके, सीबीआई जांच की मांग की थी.
एफआईआर में चक्रवर्ती पर ख़ुदकुशी के लिए उकसाने का इल्ज़ाम है, और सुशांत के परिवार का आरोप है, कि रिया के उसकी ज़िंदगी में आने के बाद से ही, सुशांत की मनोवैज्ञानिक समस्याएं शुरू हो गईं थीं.
उसमें ये भी आरोप है कि सुशांत के बैंक खाते से, 15 करोड़ रुपए कुछ ऐसे लोगों को भेजे गए, जिनसे उनका कोई ताल्लुक़ नहीं था.
उसमें ये भी कहा गया है कि सुशांत ऑर्गेनिक फार्मिंग पर गंभीरता से विचार कर रहे थे, और ज़मीन की तलाश में थे, जब चक्रवर्ती ने कथित रूप से उसका विरोध किया, और धमकी दी कि अगर सुशांत अपनी योजना को अमल में लाते हैं, तो वो इस बात को आम कर देगी कि, कि वो मानसिक रोग का इलाज करा रहे हैं.
एफआईआर में कहा गया कि जब चक्रवर्ती वहां से गईं, तो वो नक़दी, लपटॉप, गहने, और दूसरी चीज़ों के अलावा, उनके क्रिड कार्ड का पिन नम्बर भी ले गईं.
परिवार ने ये भी आरोप लगाया, कि चक्रवर्ती ने सुशांत से संपर्क करने की उनकी कोशिशों में रोड़े अटकाए.
चक्रवर्ती सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं, इस मांग के साथ कि उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर, पटना से मुम्बई भेज दी जाए.
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