पटना, 11 मार्च (भाषा) बिहार सरकार ने अनेक बोलियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विधानसभा में मंगलवार को बताया कि आठ भाषा अकादमियों को मजबूत करने और प्रभावी संचालन के लिए उन्हें एक शीर्ष निकाय के अंतर्गत लाने का प्रयास किया जा रहा है।
बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ऐसी संभावना है कि अगले वित्त वर्ष तक पूरी प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी।
कुमार ने कहा, ‘‘विभाग इन सभी अकादमियों को एक शीर्ष निकाय के अंतर्गत लाने के लिए काम कर रहा है… इन अकादमियों के प्रभावी संचालन के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित की जाएगी।’’
बिहार में आठ भाषा अकादमी हैं, जिनमें बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी, मैथिली अकादमी, मगही अकादमी, बांग्ला अकादमी, संस्कृत अकादमी, भोजपुरी अकादमी, अंगिका अकादमी और दक्षिण भारतीय भाषा संगठन शामिल है।
मंत्री ने बताया कि इन अकादमियों में पिछले कई महीनों से रिक्त पड़े पदों को भी युक्तिसंगत बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘भाषा अकादमियों को प्रभावी बनाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है और एक एकीकृत निकाय होने से इनके बेहतर प्रबंधन और निगरानी में मदद मिलेगी।’’
कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक अमरेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा किए गए एक सवाल पर यह जवाब दिया।
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