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बिहार: पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल का निधन

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पटना, 29 दिसंबर (भाषा) बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (बीएसबीआरटी) के पूर्व प्रमुख और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल का रविवार की सुबह पटना में हृदयाघात से निधन हो गया। उनके परिवार के सदस्यों ने यह जानकारी दी।

उनके परिवार ने बताया कि 74 वर्षीय कुणाल को रविवार तड़के दिल का दौरा पड़ा और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां सुबह करीब आठ बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उस समय अस्पताल में उनके बेटे सायन कुणाल और पुत्रवधू एवं समस्तीपुर से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की लोकसभा सांसद शांभवी चौधरी भी मौजूद थीं।

बाद में, उनके पार्थिव शरीर को पटना के गुसाईं टोला स्थित उनके आवास पर लाया गया, जहां बड़ी संख्या में लोग श्रद्धांजलि देने के लिए इकट्ठा हुए। शांभवी चौधरी के पिता अशोक चौधरी समेत बिहार के कई मंत्रियों ने श्रद्धांजलि दी।

कुणाल के परिवार के सदस्यों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार सोमवार को अपराह्न करीब दो बजे हाजीपुर (वैशाली जिला) में उनके पैतृक स्थान पर होगा।

बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आचार्य किशोर कुणाल के निधन पर शोक व्यक्त किया।

राजभवन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी, बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के पूर्व अध्यक्ष एवं महावीर मंदिर न्यास समिति के संस्थापक सचिव दिवंगत आचार्य किशोर कुणाल के पटना स्थित आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। साथ ही, उन्होंने उनके परिवारजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी।’’

उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा, ‘‘धर्म के साथ मानव सेवा को जोड़कर उन्होंने समाज के लिए उल्लेखनीय कार्य किया। उनके निधन से प्रशासनिक, धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें। उनके शोक संतप्त परिजनों व शुभचिंतकों के प्रति गहरी संवेदनाएं। ओम शांति।’’

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा कि दिवंगत आचार्य किशोर कुणाल एक कुशल प्रशासक एवं संवेदनशील अधिकारी थे।

उन्होंने कहा कि कुणाल विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों से भी जुड़े रहे और उन्होंने महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव के पद पर रहते हुये विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक कार्य किए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुणाल ने बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष पद पर रहते हुये अपने कार्यों को सफलतापूर्वक संपादित किया।

कुमार ने कहा कि कुणाल के निधन से प्रशासनिक, सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने किशोर कुणाल के निधन पर शोक व्यक्त किया।

उपमुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘किशोर कुणाल जी का जीवन समाज सेवा, धार्मिक और सांस्कृतिक उत्थान के लिए समर्पित रहा। उन्होंने महावीर मंदिर को एक राष्ट्रीय पहचान दिलाई और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए अभूतपूर्व कार्य किए। उनके योगदान को शब्दों में व्यक्त करना कठिन है।’

उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘उनका निधन समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति और उनके परिवार को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।’

बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘समाजसेवी एवं महावीर मंदिर न्यास समिति के संस्थापक सचिव आचार्य किशोर कुणाल जी के निधन पर उनके आवास पहुंच अंतिम दर्शन किए तथा पार्थिव शरीर पर श्रद्धासुमन अर्पित कर विनम्र श्रद्धांजलि दी। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।’’

कुणाल (74) ने पटना के महावीर मंदिर के पुनर्निर्माण से लेकर महावीर आरोग्य संस्थान, महावीर कैंसर संस्थान, महावीर वात्सल्य अस्पताल, महावीर नेत्रालय, महावीर वरिष्ठ नागरिक अस्पताल समेत नौ चैरिटेबल अस्पतालों की स्थापना की।

उन्होंने बिहार के पूर्वी चंपारण में विराट रामायण मंदिर के निर्माण का बीड़ा भी उठाया और 20 जून, 2023 को इस मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ ।

कुणाल के प्रयास से गत 12 दिसंबर को बच्चों के इलाज के लिए देश के पहले कैंसर अस्पताल महावीर बाल कैंसर अस्पताल का शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया।

आचार्य किशोर कुणाल के प्रयास से अयोध्या के अमावा राम मंदिर परिसर में पटना के महावीर मंदिर की ओर से राम रसोई और सीतामढ़ी स्थित जानकी जन्म स्थान पुनौराधाम में सीता रसोई चलायी जा रही है।

1972 बैच के सेवानिवृत्त भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी कुणाल ने मई 2001 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी।

वह अगस्त 2001 से फरवरी 2004 तक बिहार के दरभंगा स्थित केएसडी संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति रहे। बाद में उन्होंने स्वेच्छा से पद त्याग दिया। कुणाल 23 मई, 2006 को बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के प्रशासक बने और 2010 में इसके अध्यक्ष बने। उन्होंने 10 मार्च, 2016 को इस पद से इस्तीफा दे दिया।

कुणाल ने 13 जून 1993 को पटना हनुमान मंदिर में एक दलित पुजारी नियुक्त किया था।

उन्होंने बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के प्रशासक के रूप में बिहटा, पालीगंज, बोधगया, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, बेगुसराय और अन्य स्थानों पर कई प्रमुख मंदिरों में दलित पुजारियों की नियुक्ति की ।

कुणाल ने बिहार के सभी मंदिरों में दलित न्यासियों की नियुक्ति की और उन्हें बड़े पैमाने पर मंदिर के मामलों के प्रबंधन से जोड़ा।

भाषा अनवर खारी

खारी

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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