दरभंगा/पटना, 12 मार्च (भाषा) बिहार के दरभंगा की महापौर ने जुमे की नमाज के दौरान होली के जश्न में दो घंटे के विराम का आह्वान किया जिसे लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है।
दरभंगा में हाल में प्रशासन की शांति समिति की बैठक में महापौर अंजुम आरा ने यह बात कही।
बाद में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने सुझाव दिया था कि जुमे की नमाज का समय टाला नहीं जा सकता इसलिए अपराह्न 12 बजे से अपराह्न दो बजे तक दो घंटे के दौरान हिंदू समुदाय के लोग मस्जिदों के आसपास वाले इलाकों में जाने से बचें।’’
महापौर ने कहा, ‘‘इससे दोनों धर्मों के लोग बिना किसी परेशानी के अपनी-अपनी परंपराएं निभा सकेंगे। हम समझते हैं कि होली साल में एक बार ही आती है लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि मुसलमानों के लिए यह रमजान का पाक माह है।’’
मधुबनी जिले से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल ने महापौर की टिप्पणी पर असंतोष प्रकट किया है।
हाल में मुसलमानों को होली के दिन ‘‘घर के अंदर रहने’’ का सुझाव देने के कारण चर्चा में आए बचौल ने पटना स्थित राज्य विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ये गजवा-ए-हिंद की बात करने वाले लोग हैं। ये ‘मुस्लिम स्टेट’ बनाने की लालसा रखने वाले लोग हैं। इनकी मंशा को कभी भी पूरा नहीं होने दिया जाएगा। ये लोग समाज में आग लगाने वाले लोग हैं। इन पर कार्रवाई होनी चाहिए।’’
बचौल ने अंजुम आरा और उनके परिवार के ‘‘संदेहास्पद रिकॉर्ड की जांच’’ की भी मांग की।
अंजुम आरा के बारे में कहा जाता है कि वह भाजपा की सहयोगी एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) की समर्थक हैं।
हालांकि, जद(यू) के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री श्रवण कुमार ने कहा, ‘‘प्रशासन को लोगों को यह नहीं बताना चाहिए कि उन्हें कब और कैसे कोई पर्व मनाना है। ये निर्णय समाज पर छोड़ देना ही बेहतर है और प्रशासन को हमेशा कानून का शासन बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।’’
उन्होंने बचौल की टिप्पणियों को भी खारिज करते हुए कहा, ‘‘निर्वाचित प्रतिनिधियों को कभी भी ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जिससे समाज के एक वर्ग को ठेस पहुंचे।’’
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि दरभंगा की महापौर ने ‘‘बचौल जैसे लोगों की ध्रुवीकरण रणनीति का जवाब दिया है, जो गंगा-जमुनी तहजीब को नष्ट करने पर तुले हुए हैं।’’
भाषा सं अनवर खारी
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