नई दिल्ली: कपूरथला के एक गुरुद्वारा में कथित बेअदबी की कोशिश को लेकर पीट-पीट कर मार डाले गये व्यक्ति की गर्दन और शरीर के अन्य हिस्सों पर धारदार हथियार से वार के आठ से अधिक गहरे निशान हैं, जो संभवत: तलवार के होंगे. स्थानीय सरकारी अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी.
कपूरथला की घटना अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में हुई इसी तरह की घटना के एक दिन बाद हुई, जिसमें शनिवार को कथित बेअदबी को लेकर एक अन्य व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने सोमवार को कहा कि स्वर्ण मंदिर में कथित रूप से बेअदबी के प्रयास के पीछे ‘बड़ी साजिश’ है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है जैसे इसमें शामिल व्यक्ति ने ‘कमांडो ट्रेनिंग’ ली हो.
धामी ने यह भी दावा किया कि कानून किसी को आत्मरक्षा में हत्या करने की अनुमति देता है. उन्होंने कहा कि कथित बेअदबी के प्रयास के बाद जब भीड़ ने व्यक्ति की हत्या की तो ऐसा ही हुआ होगा.
पुलिस ने दोनों मामलों में कथित बेअदबी को लेकर शिकायतें दर्ज की हैं लेकिन कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है.
पुलिस ने कपूरथला गुरुद्वारा के प्रबंधक अमरजीत सिंह को रिहा कर दिया है, जिन्हें पूछताछ के लिए रविवार रात हिरासत में लिया गया था.
शुरूआत में पुलिस ने कहा था गुरद्वारा में बेअदबी घटना होने का कोई दृश्यमान संकेत नहीं है.
कपूरथला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरकमलप्रीत सिंह खाख ने बताया कि उन्होंने बिहार मे एक महिला से कुछ दस्तावेज प्राप्त किये लेकिन सत्यापन पर पाया गया कि ये कागजात व्यक्ति की शिनाख्त नहीं करते हैं.
पुलिस ने बताया कि इस प्रकरण में हत्या का मामला अभी दर्ज नहीं किया गया है और उनकी प्राथमिकता व्यक्ति की पहचान करने की है, जिसके लिए उन्होंने मीडिया में तथा अन्य राज्यों की पुलिस के साथ उसकी तस्वीरें साझा की हैं.
रविवार सुबह यहां निजामपुर गांव में एक गुरुद्वारा में सिख धर्म के ‘निशान साहिब’ का अनादर करने के आरोप के बाद अज्ञात व्यक्ति की भीड़ ने हत्या कर दी थी. यह व्यक्ति प्रवासी मजदूर प्रतीत हो रहा था.
सिविल अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी संदीप धवन ने कहा कि व्यक्ति की गर्दन और शरीर के अन्य हिस्सों पर धारदार हथियार से वार के आठ से अधिक गहरे निशान हैं, जो संभवत: तलवार के होंगे. इसके अलावा चोट के अन्य निशान भी हैं.
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उन्होंने कहा कि पोस्टमॉर्टम के बाद ही चोटों का पूरा विवरण पता चल सकेगा. शव को स्थानीय मुर्दाघर में रखा गया है.
खाख ने कहा कि मामले में शव का कोई दावेदार नहीं आने के 72 घंटे बाद पोस्टमॉर्टम किया जाएगा.
एसएसपी ने कोतवाली थाना प्रभारी प्रभादीप सिंह को मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी है.
उन्होंने कहा कि अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है.
स्वर्ण मंदिर में बेअदबी के प्रयास के पीछे बड़ी साजिश, कमांडो प्रशिक्षण: एसजीपीसी अध्यक्ष ने किया दावा
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने सोमवार को कहा कि स्वर्ण मंदिर में कथित रूप से बेअदबी के प्रयास के पीछे ‘बड़ी साजिश’ है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है जैसे इसमें शामिल व्यक्ति ने ‘कमांडो ट्रेनिंग’ ली हो.
धामी ने यह भी दावा किया कि कानून किसी को आत्मरक्षा में हत्या करने की अनुमति देता है. उन्होंने कहा कि कथित बेअदबी के प्रयास के बाद जब भीड़ ने व्यक्ति की हत्या की तो ऐसा ही हुआ होगा. धामी ने संवाददाताओं से कहा कि साजिश की भनक लगने पर एसजीपीसी कार्यबल ने व्यक्ति को स्वर्ण मंदिर में प्रवेश करने से रोका लेकिन शाम को कार्यबल के सदस्यों की पाली बदलने के बाद वह व्यक्ति गर्भगृह में घुसने में कामयाब हो गया.
धामी ने कहा, ‘जिस तरह वह रेलिंग से कूदा और केवल छह सेकंड में वह (बेअदबी का प्रयास) करने में सफल हो गया उससे मुझे लगता है कि उसने कमांडो प्रशिक्षण लिया होगा. इसके पीछे बड़ी साजिश है.’
यह पूछे जाने पर कि एसजीपीसी कार्यबल द्वारा पकड़े जाने पर उक्त व्यक्ति को भीड़ ने क्यों मारा, धामी ने कहा कि ‘श्रद्धालु इस घटना से काफी आक्रोशित थे.’ धामी ने कहा कि व्यक्ति ने एक तलवार उठाई और पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब पर हमला करने वाला था जिसे जीवित वस्तु माना जाता है.
उन्होंने कहा कि अगर किसी पर हत्या के उद्देश्य से हमला किया जाए तो आत्मरक्षा में वह किसी की हत्या कर सकता है और कानून इसे अपराध नहीं मानता.
धामी ने कहा कि इससे पहले कि कार्यबल के सदस्य कुछ कर पाते, आक्रोशित भीड़ ने व्यक्ति को पीट कर मार डाला. धामी ने कहा कि सच का पता लगाने के लिए एसजीपीसी अपने एक विशेष जांच दल का गठन करेगा.
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