नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) कांग्रेस ने मंगलवार को लोगों को आगाह किया कि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने ‘संविधान को बदले जाने’’ पर जोर दिया है जिसके निर्माता बी आर आंबेडकर थे।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक आलेख में देबरॉय की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कहा, ‘यह हमेशा संघ परिवार का एजेंडा रहा है। सावधान रहें!’
रमेश ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, ‘इस 77वें स्वतंत्रता दिवस पर, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष ने संविधान को बदलने का संकेत दिया है, जिसके निर्माता डॉ. आंबेडकर थे। वे चाहते हैं कि देश एक नए संविधान को अंगीकार करे।’’
देबरॉय ने अपने आलेख में लिखा, ‘हमारा मौजूदा संविधान काफी हद तक 1935 के भारत शासन अधिनियम पर आधारित है। इस तरह से, यह औपनिवेशिक विरासत भी है। 2002 में संविधान की समीक्षा के लिए गठित एक आयोग की रिपोर्ट आई थी लेकिन यह पूरे मन से किया गया प्रयास नहीं था।’
उन्होंने कहा ‘कानून सुधार के कई पहलुओं की तरह, यहां और वहां कोई बदलाव काम नहीं करेगा। हमें पहले सिद्धांत से शुरुआत करनी चाहिए, जैसा संविधान सभा की बहसों में है। भारत को 2047 के लिए किस संविधान की जरूरत है?’
देबरॉय ने कहा, ‘हम जो भी चर्चा करते हैं उसका अधिकांश हिस्सा संविधान के साथ शुरू और समाप्त होता है। कुछ संशोधनों से काम नहीं चलेगा… हमें पहले सिद्धांत से शुरू करना चाहिए, यह पूछना चाहिए कि प्रस्तावना में इन शब्दों- समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, न्याय, स्वतंत्रता और समानता- का अब क्या मतलब है। हम लोगों को खुद को एक नया संविधान देना होगा।”
भाषा अविनाश माधव
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