नई दिल्ली: भारत ने शुक्रवार को देश में धार्मिक स्वतंत्रता पर वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों के कमेंट को ‘गलत जानकारी वाली टिप्पणियों’ के रूप में करार दिया और कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में वोट बैंक की राजनीति का अभ्यास किया जा रहा है.
भारत ने ये टिप्पणी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश विभाग की 2021 की रिपोर्ट जारी करने के संबंध में मीडिया के सवालों के जवाब में की.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार को दावा किया कि भारत में पूजा स्थलों पर लोगों पर हमले बढ़ रहे हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘हमने अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश विभाग 2021 की रिपोर्ट जारी करने और वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों द्वारा गलत सूचना देने वाली टिप्पणियों को नोट किया है.’
उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में वोटबैंक की राजनीति प्रैक्टिस किया जा रहा है.
यह रेखांकित करते हुए कि भारत धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों को महत्व देता है, बागची ने कहा कि भारत ने नियमित रूप से अमेरिका में चिंतित करने वाले मुद्दों को उजागर किया है, जिसमें नस्लीय और जातीय रूप से प्रेरित हमले शामिल हैं.
उन्होंने कहा, ‘अमेरिका के साथ हमारी चर्चा में, हमने नस्लीय और जातीय रूप से प्रेरित हमलों, घृणा अपराधों और बंदूकी हिंसा सहित वहां ध्यान दिए जाने वाले मुद्दों को नियमित रूप से उजागर किया है.’
इससे पहले गुरुवार को ब्लिंकन ने अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर 2021 की रिपोर्ट जारी की.
उन्होंने अपना संबोधन में कहा, ‘… भारत में, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और बड़े स्तर पर विभिन्न प्रकार की आस्थाओं का घर है, हम पूजा स्थलों पर लोगों पर बढ़ते हमले देख रहे हैं.’
अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर कांग्रेस की वार्षिक रिपोर्ट – अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट – प्रत्येक देश में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति का वर्णन करती है.
रिपोर्ट में समूहों की धार्मिक मान्यताओं और प्रथाओं का उल्लंघन करने वाली सरकारी नीतियों को शामिल किया गया है,
अमेरिकी विदेश विभाग 1998 के अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के अनुसार रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।