नयी दिल्ली: भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद को शनिवार तड़के जामा मस्जिद के बाहर से हिरासत में लिया गया. वह संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ मस्जिद के अंदर प्रदर्शन कर रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘हमें बलिदान देना होगा ताकि कानून वापस लिया जाए. हम हिंसा का समर्थन नहीं करते. हम शुक्रवार सुबह से मस्जिद के अंदर बैठे थे और हमारे लोग हिंसा में शामिल नहीं थे.’
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च निकालने की घोषणा करने वाले भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पुलिसकर्मियों को झांसा देकर मस्जिद के अंदर दाखिल हुए जबकि पुलिस घंटों हिरासत में लेने के लिए उनकी तलाश करती रही.
आजाद ने बाद में बताया कि उनकी तलाश में खड़े पुलिसकर्मियों से बचने के लिए वह शॉल ओढ़कर मस्जिद में दाखिल हुए.
भीम आर्मी के एक पदाधिकारी ने बताया कि जुमे की नमाज करीब एक बजे शुरू हुई और मार्च में आजाद मौजूद थे. हालांकि, जब पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश की तो वह वहां से निकल गए और एक स्थानीय परिवार ने अस्थायी शरण दी.
उन्होंने बताया, ‘करीब तीन घंटे तक हमने भी समझा कि उन्हें हिरासत में ले लिया गया, लेकिन करीब चार बजे वह जामा मस्जिद के भीतर नजर आए और उन्होंने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए संविधान का प्रस्तावना पढ़ा. यहां तक कि शाही इमाम ने सभी को संबोधित किया और बताया कि आजाद हमारे मेहमान हैं.’