नई दिल्ली: भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने शुक्रवार को दिल्ली के जंतर-मंतर से बड़ा एलान किया है. उन्होंने कहा, ‘वो पीएम नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ बनारस से चुनाव लड़ेंगे.’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वो पीएम मोदी को बग्घी में बिठाकर गुजरात भेज देंगे. उन्होंने अपने समर्थकों से पूरे देश में भाजपा को हराने की अपील भी की. वहीं, पीएम पर करारा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि ’29 पार्टियों से गठबंधन करके मोदी कहते हैं कि शेर अकेला आता है.’ उन्होंने ख़ुद का ज़िक्र करते हुए कहा कि अब जब कांशीराम का शेर बेटा बनारस जा रहा है तो दम है तो मोदी सामना करके दिखाएं.
‘लाल क़िले से नीला झंडा फहराना मेरा लक्ष्य’
चंद्रशेखर ने कहा, ‘मैं इसलिए बनारस जा रहा हूं क्योंकि मोदी दलित विरोधी हैं और उन्हें ये पता होना चाहिए कि दलित विरोधी होने की क़ीमत क्या होती है.’ चंद्रशेखर ने पीएम मोदी पर बेहद तीख़ा हमला बोलते हुए कहा, ‘जब हम एकजुट होते हैं तो लोग हमारे जूते के फ़ीते बांधने तक में गर्व महसूस करते हैं. जब मैंने बनारस से लड़ने की बात ही की थी तो मोदी हमारे समाज के लोगों के पैर धोने लगे.’ उन्होंने कहा कि दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यकों और आदिवासियों को एकजुट करना उनका सपना है और दिल्ली के लाल क़िले से नीला झंडा फहराना उनका लक्ष्य है. वो जीएंगे तो इसी के लिए, मरेंगे तो इसी के लिए.
‘मोदी को दिल्ली की गद्दी तक नहीं पहुंचने देंगे’
उन्होंने कहा, ‘सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारी दिल में देखना है ज़ोर कितना बाजुए क़ातिल में है और वक़्त आने दे बता देंगे तुझे ए मोदी, हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में है.’ चंद्रशेखर ने कहा कि मोदी कुछ भी कर लें, वो उन्हें दिल्ली की गद्दी तक नहीं पहुंचने देंगे. चंद्रशेखर ने आरोप लगाते हुए कहा कि पहले तो इंटरनेट बंद करके सरकार ने साबित कर दिया कि वो उनसे डरती है. वहीं, ट्रेनें रोककर सरकार ने साबित कर दिया कि ये उनका समाना नहीं कर सकती. उन्होंने ये भी कहा कि जंतर-मंतर पर संविधान जलाया गया था और इसलिए वो चाहता हैं कि संविधना घर-घर पहुंचे.
‘10% आरक्षण का किसी ने विरोध नहीं किया’
चंद्रशेखर ने दलित छात्र रोहित वेमुला, गुजरात के उना में दलितों को पीटे जाने वाले कांड, पिछले साल 4 अप्रैल को मध्य प्रदेश-राजस्थान में दलितों पर हुए हमले का ज़िक्र करते हुए कहा कि अगर संविधान पर आंच आई तो वो भीमा कोरेगांव दोहरा देंगे. उन्होंने भीम सेना के लोगों से वोट करते समय इन घटनाओं को याद रखने को कहा. वहीं, उन्होंने ये भी कहा कि सवर्णों को मिले 10% आरक्षण का किसी ने विरोध नहीं किया. अपनी राजनीति बचाने के लिए ये संविधान मिटाने से भी नहीं चूकेंगे.
‘जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी’
10% सवर्ण आरक्षण के मामले में चंद्रशेखर ने मायावती और अखिलेश पर भी हमला किया. उन्होंने कहा कि ये कल जीतेंगे और ऐसा आरक्षण देने वालों का समर्थन करेंगे. इसी हमले के तहत उन्होंने कहा कि हमारी मांगों का जो समर्थन नहीं कर रहे उन्हें हमें जवाब देना होगा. उन्होंने कहा, ‘मुलायम सिंह कहते हैं कि मोदी फिर से पीएम बनें. लेकिन मैं कहता हूं कि भीम आर्मी का एक एक आदमी मर जाए मगर ऐसा मत हो.’ इस दौरान उन्होंने जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी जैसे नारे भी उछाले.
‘मिले मुलायम-कांशीराम, हवा में उड़ गए जय श्री राम’
राम मंदिर पर हमला करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि कांशीराम ने हम गठबंधन का मूल मंत्र सिखाया था. उन्होंने ने ही ये कर के दिखाया कि जब मिले मुलायम-कांशीराम तब हवा में उड़ गए जय श्री राम. कांशीराम के जन्मदिन के मौके पर निकाली गई इस रैली में पूर्व जनता दल यूनाइटेड प्रमुख शरद यादव भी पहुंचे. उन्होंने संविधान को ताक पर रखे जाने और मॉब लिंचिंग जैसे मुद्दों के उठाया. उन्होंने गुजरात के उना में गाय की खाल उतारने वाले दलितों की खाल उतारे जाने की बात कही और कहा कि ये पीएम नरेंद्र मोदी के राज्य में हुआ.
रैली में शरद यादव भी पहुंचे
बहुजन हुंकार रैली में शरद यादव ने ‘संविधान बचाना है’ और ‘बदलो बदलो ये सरकार’ के नारे दिए. शरद यादव ने कहा कि 2019 का चुनाव दूसरी आज़ादी की लड़ाई है. उन्होंने कहा कि 2019 में अगर मोदी-शाह आ गए तो ये संविधान और वोट लोगों से छिन जाएगा.
कैसी थी जंतर-मंतर की भीम आर्मी
आपको बता दें कि भीम आर्मी वॉलंटियर और समर्थक 18-40 साल के आयु वर्ग के हैं. मुश्किल से ही कोई ऐसा है जो 40 से ऊपर का हो. वहीं, इस रैली के दौरान कुछ ऐसी लड़कियां भी नज़र आईं जो इस पार्टी के समर्थन में धूप का चश्मा लगाकर पहुंचीं. पार्टी के समर्थक युवा तो हैं ही वो काफी उर्जावान भी हैं.
हां, उत्साह की वजह से इनके बीच अनुशासन की थोड़ी सी कमी दिखी. ये भी बता दें कि चंद्रशेखर के समर्थक नहीं फ़ैन हैं. उनको लेकर इन फैंस के बीच पागलपन का आलम है. एक तो वो इस रैली के दौरान बहुत देर से आए, ऊपर से उनके आने के बाद समर्थकों ने अफ़रा-तफ़री मचा दी. वैसे एक नेता के लिए ये बहुत ख़तरनाक होता. बहुत कम लोग इसे सम्भाल पाते हैं और नए नेताओं के लिए तो ये और मुश्किल होता है.
आपको ये जानकारी भी दे दें कि बताया जा रहा था कि बहुजन नेता भीम आर्मी चीफ के नाम से ‘रावण’ हटा दिया गया है. लेकिन जंतर-मंतर पर हो रही आज की रैली के पोस्टर में तो उनके नाम के साथ छोटे ब्रैकेट में (रावण) लिखा था.