नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नई दिल्ली में इंडिया गेट का नाम बदलकर ‘भारत माता द्वार’ करने का अनुरोध किया है.
सिद्दीकी ने सोमवार को भेजे पत्र में लिखा है, “आपके नेतृत्व में 140 करोड़ भारतीय भाई-बहनों के दिलों में देशभक्ति और भारतीय संस्कृति के प्रति समर्पण की भावना बढ़ी है. जिस तरह से मुगल हमलावरों और ब्रिटिश लुटेरों द्वारा दिए गए घाव भरे हैं और गुलामी के दाग आपके कार्यकाल में धुल गए हैं, उससे पूरा भारत खुश है.”
उन्होंने आगे लिखा, “सर, आपने क्रूर मुगल औरंगजेब के नाम पर बनी सड़क का नाम बदलकर ए.पी.जे. कलाम रोड कर दिया है, इंडिया गेट से किंग जॉर्ज पंचम की मूर्ति हटाकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति स्थापित की है और राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ किया है और इसे भारत की संस्कृति से जोड़ दिया है.”
उन्होंने लिखा, “इसी तरह, कृपया इंडिया गेट का नाम बदलकर भारत माता द्वार कर दें.”
सिद्दीकी ने जोर देकर कहा कि यह नाम बदलना “उन हज़ारों शहीद देशभक्तों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी जिनके नाम उस स्तंभ पर अंकित हैं.”
दिप्रिंट से बात करते हुए सिद्दीकी ने कहा कि हालांकि, भारत को आज़ादी तो 1947 में मिल गई थी, लेकिन ब्रिटिश उपनिवेशवाद की विरासत कांग्रेस के कार्यकाल में भी जारी रही क्योंकि “पार्टी ने मुगल हमलावरों या ब्रिटिश लुटेरों के नाम पर सड़कों या महत्वपूर्ण स्थानों के नाम बदलने के बारे में कभी नहीं सोचा. मोदी के कार्यकाल में इसमें बदलाव आना शुरू हुआ.”
उन्होंने कहा, “नाम बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. अगर हम किसी मिठाई को मिठाई कहेंगे, तो उसका अलग महत्व होता है और जब हम उसे प्रसाद कहते हैं, तो उसका अलग महत्व होता है. इंडिया गेट का नाम बदलकर भारत माता द्वार करने से वहां आने वाले लोगों के मन में गर्व और सम्मान की भावना पैदा होगी.”
राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैले दिल्ली के राजपथ का नाम औपचारिक रूप से 2022 में कर्त्तव्य पथ रखा गया.
इस मार्ग का नाम बदलने का ज़िक्र करते हुए तत्कालीन राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, जो नई दिल्ली नगर पालिका परिषद की सदस्य भी थीं, ने कहा था कि ‘राजपथ’ नाम औपनिवेशिक विरासत को दर्शाता है, जिसे खत्म किया जाना चाहिए क्योंकि “हम आज़ादी के बाद एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में रह रहे हैं.”
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