चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब-कैडर के आईपीएस अधिकारी के हाल के तबादले को लेकर राज्यपाल और केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित के साथ किसी भी तरह के मतभेद को खारिज करते हुए गुरुवार को कहा कि दोनों के बीच सब कुछ ठीक है.
पुरोहित ने बुधवार को चंडीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के पद से कुलदीप सिंह चहल को हटाने पर मान की आपत्तियों का कड़ा जवाब दिया था.
पुरोहित ने मान को यह सख्ती से बताया कि चहल को उनके पद से मुक्त करने से पहले सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया था, और मान से संपर्क नहीं किया जा सका क्योंकि वह गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रचार कर रहे थे.
चहल को मंगलवार को एसएसपी, चंडीगढ़ के पद से हटाए जाने के बाद, नाराज मान ने पुरोहित को एक पत्र लिखा, जिसमें यह कहा कि पंजाब की राजधानी में कुर्सी हरियाणा कैडर के एक अधिकारी के पास चली गई है.
पुरोहित ने मान की शिकायत पर तंज कसते हुए कहा कि पंजाब के मुख्य सचिव को नवंबर के आखिरी सप्ताह में सूचित किया गया था कि 2009-बैच के अधिकारी को हटा दिया जाएगा.
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को अपने जवाब में कहा, कि मान से संपर्क नहीं हो सका क्योंकि वह गुजरात में चुनाव प्रचार में व्यस्त थे (अपनी आम आदमी पार्टी के लिए).
उन्होंने आगे कहा कि पुरोहित ने चहल की जगह लेने के लिए नामों के पैनल के लिए मुख्य सचिव को भी लिखा था, लेकिन वह भी नहीं आया.
पुरोहित ने तंज कसते हुए मान से कहा, ‘अगर (तथ्यों का पता लगाने के लिए) ध्यान रखा गया होता तो ऐसा पत्र (बिल्कुल) नहीं लिखा जाता था और इसे नोट किया जाना चाहिए.’
हालांकि, मान ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि एसएसपी के पद को भरने के लिए पंजाब के तीन आईपीएस अधिकारियों का एक पैनल वास्तव में चंडीगढ़ प्रशासन को विचार के लिए भेजा गया था. सूत्रों ने कहा कि इन नामों में डॉ संदीप गर्ग, अखिल चौधरी और भागीरथ सिंह मीणा शामिल थे.
चहल, जो 2 अक्टूबर 2020 को चंडीगढ़ पुलिस में शामिल हुए थे, को मंगलवार को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया गया था, जैसा कि मुख्यमंत्री को राज्यपाल के पत्र में उल्लेखित “कदाचार” के कारण किया गया था.
एसएसपी (यातायात/सुरक्षा) मनीषा चौधरी – जो हरियाणा कैडर की हैं – को एसएसपी (यूटी) का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
मान ने तुरंत पुरोहित को लिखा, साथ ही राज्यपाल के कदम को “अवांछित और अवांछनीय” करार दिया.
पत्र में, उन्होंने कहा कि चहल को समय से पहले वापस भेज दिया गया था और चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा प्रतिस्थापन के रूप में चुनने के लिए पंजाब के तीन आईपीएस अधिकारियों के नामों के पैनल की मांग किए बिना।
लेकिन राज्यपाल ने मान के विरोध को नहीं सुना और कहा कि “पंजाब बनाम हरियाणा का मुद्दा” गैरजरूरी है और इस मामले में लागू नहीं होता.
राजभवन द्वारा मीडिया के साथ साझा किए गए पुरोहित का पूरा पत्र इस प्रकार है:
‘जब एसएसपी यूटी चहल के द्वारा गलत व्यवहार के गंभीर इनपुट मिलने लगे तो मैंने विश्वसनीय स्रोतों से उनकी सच्चाई का पता लगाया, जिसके बाद, मैंने 28 नवंबर, 2022 को मुख्य सचिव, पंजाब के साथ टेलीफोन पर चहल को हटाने के अपने फैसले के बारे में बताया.’
उसी समय मैंने उन्हें एसएसपी, यूटी के पद के लिए कुशल आईपीएस अधिकारियों का एक पैनल भेजने की सलाह दी. मैंने उन्हें यह भी बताया कि डीजीपी, यू.टी. प्रवीर रंजन, आपको तथ्यों से अवगत कराएंगे. उसके बाद प्रवीर रंजन ने 30 नवंबर, 2022 को शाम 4.30 बजे सीएस (मुख्य सचिव) पंजाब से मुलाकात की और मामले का विवरण सुनाया और पंजाब सरकार द्वारा भेजे जाने वाले पैनल के लिए भी अनुरोध किया.
उसी दिन 30 नवंबर, 2022 को एडवाइजर यू.टी. प्रशासन ने भी सीएस से फ़ोन पर बात कर पैनल भेजने का अनुरोध किया. पंजाब के मुख्य सचिव भी उसी दिन शाम को लगभग 5.30 बजे मुझसे मेरे कार्यालय में मिलने आये और अन्य मामलों पर चर्चा करने के अलावा, मैंने उन्हें जल्द से जल्द आईपीएस अधिकारियों का एक पैनल भेजने की सलाह भी दी.
‘आईपीएस कुलदीप चहल ने भी 30 नवंबर, 2022 को मुझे फोन किया और उनसे साफ साफ कहा गया की उन्हें अपने पंजाब कैडर में वापस लौटना है.’
‘चूंकि इस अवधि के दौरान आप गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार में व्यस्त थे, इसलिए मेरे लिए आपसे संपर्क करना संभव नहीं था.’
आपने इस संबंध में पंजाब बनाम हरियाणा का अनावश्यक मुद्दा भी उठाया, जो इस एडहॉक नियुक्ति के मामले में, बहुत ही कम समय यानी, एक या दो सप्ताह के लिए लागू नहीं होता है. काश आपने मुझे पत्र लिखने से पहले इन पहलुओं पर विचार किया होता.’
इस बीच, पूरे मामले के बारे में ‘झूठ बोलने’ के लिए विपक्ष ने मान पर निशाना साधा है.
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने बुधवार को ट्वीट किया,
पंजाब के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखा और कहा कि उन्होंने पंजाब के मुख्य सचिव से बात की और 28 नवंबर को चंडीगढ़ में नए एसएसपी नियुक्त करने के लिए एक पैनल की मांग की.
तो क्या सीएम झूठ बोल रहे थे जब उन्होंने कहा कि पंजाब को सूचित नहीं किया गया था या सीएस ने सीएम को बायपास किया और @arvindkejriwal और @raghav_chadha से निर्देश लिया?
Pb Guv writes to CM @BhagwantMann and says he spoke to @CsPunjab & asked for a panel to appoint new SSP Chandigarh on Nov 28.
So was the CM lying when he said Pb wasn’t informed or did the CS bypass CM & took directions from @arvindkejriwal & @raghav_chadha?ਕੋਈ ਜਵਾਬ ਮਾਨ ਸਾਬ੍ਹ? pic.twitter.com/n13KyrOaqw
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) December 14, 2022
विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने ट्वीट में लिखा ‘ऐसा लगता है कि सरकार और अधिकारियों के बीच एक बड़ा संवादहीनता है.’
Governor of Punjab's letter shows, there was a major communication gap between the @BhagwantMann govt & bureaucracy. In the letter, Governor mentioned that he couldn't contact Mann because he was busy in election campaign in Gujarat. It shows, how insincere CM Mann is to Punjab.
— Partap Singh Bajwa (@Partap_Sbajwa) December 14, 2022
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
(अनुवाद/संपादन: अलमिना खातून)
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