चंडीगढ़: पंजाब के उद्योगपति राज्य में ‘बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति’, मुख्यमंत्री भगवंत मान की ‘उदासीनता’ और यूपी में ‘बेहतर औद्योगिक नीति’ का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश में निवेश करना चाह रहे हैं.
50 से ज्यादा उद्योगपति ने बुधवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी उद्योग टीमों से मुलाकात की और राज्य में कम से कम 5 लाख करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया. इनमें से ज्यादातर उद्योगपति पंजाब के हैं. यह खबर ऐसे समय में आई है जब मान अपने राज्य में निवेश की तलाश में दक्षिण भारत के दौरे पर हैं.
आदित्यनाथ के कार्यालय ने बुधवार शाम को एक प्रेस बयान जारी किया और कहा कि अटल पूर्वांचल औद्योगिक विकास परिषद द्वारा उद्योगपतियों की एक बैठक आयोजित की गई थी. बैठक के दौरान पंजाब के एवन ग्रुप ने यूपी में 500 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव रखा, जबकि राज्य के हीरो ग्रुप ने 350 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव रखा है.
उद्योगपतियों के प्रतिनिधिमंडल ने टी.आर. मिश्रा की अगुवाई में सीएम योगी और उनकी टीम से मुलाकात की थी. मिश्रा के पास लुधियाना में बॉयलर उद्योग हैं और वह अटल पूर्वांचल औद्योगिक विकास परिषद के अध्यक्ष भी हैं.
दिप्रिंट से बात करते हुए मिश्रा ने कहा कि परिषद के 50 से ज्यादा उद्योगपतियों ने यूपी में निवेश करने का फैसला किया और इनमें से ज्यादातर पंजाब से थे.
मिश्रा ने बताया, ‘हम पहले ही 2.26 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लिए प्रतिबद्ध हैं. 31 मार्च, 2023 तक, हम यूपी में कुल 5 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेंगे.’ उन्होंने कहा कि वह खुद कानपुर में एक बॉयलर यूनिट में 30 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रहे हैं. विपक्षी पार्टियां अब पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर निशाना साध रही हैं, जो इस साल की शुरुआत में कांग्रेस से राज्य छीनकर सत्ता में आई थी.
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने एक प्रमुख पंजाबी दैनिक में बैठक के बारे में एक रिपोर्ट ट्वीट करते हुए कहा, ‘बदलाव आ गया है!!!’
पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने ट्वीट किया कि ‘पंजाब में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति’ के कारण उद्योगपतियों ने अपनी कंपनियों को यूपी में स्थानांतरित करने की योजना बनाई है.
If this doesn’t awaken @BhagwantMann from his slumber what else’s will?
Ludhiana industrialists had a meeting with UP CM @myogiadityanath as they are planning to shift their installations due to worsening law & order situation in Punjab.Rangla Punjab or Berang Punjab?
— Sukhjinder Singh Randhawa (@Sukhjinder_INC) December 22, 2022
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी पंजाब के उद्योगपतियों और आदित्यनाथ के बीच बैठक की एक रिपोर्ट को ट्वीट करते हुए कहा कि जहां पहले ‘अराजकता और गैंगस्टरों के शासन’ के कारण उद्योग यूपी से पंजाब चले आए थे, वहां अब इसका उलटा हो रहा है. इसके वजह से ‘राजस्व और नौकरियों का नुकसान’ होगा, उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से ‘जाग जाओ … इससे पहले कि बहुत देर हो जाए’ का आग्रह किया.
यह भी पढ़ें: भारतीय स्कूलों में ट्रांसजेंडर और नॉन-बाइनरी टीचर्स के साथ कैसा होता है बर्ताव- ‘स्वीकार्यता सिर्फ दिखावटी’
‘यूपी सीएम के पास उंगलियों पर थी जानकारी’
मिश्रा ने कई कारणों का हवाला दिया कि क्यों उन्होंने और पंजाब के अन्य उद्यमियों ने पंजाब की बजाय यूपी में अपने कारोबार का विस्तार करने का फैसला किया.
उन्होंने कहा, ‘पहले कारणों में से एक यह है कि उत्तर प्रदेश में उद्योगों को सब्सिडी और अन्य सुविधाओं के मामले में इस समय देश में सबसे अच्छी औद्योगिक नीति है.’ वह आगे कहते हैं, ‘यूपी में जिस तरह से पूरी उद्योग निवेश टीम तैयार की गई है, उससे भी हम प्रभावित हैं.’
यूपी के मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा, ‘उन्हें (आदित्यनाथ) उंगलियों पर राज्य के बारे में हर जानकारी थी. उन्होंने हमारे सभी सवालों का जवाब समझदारी से दिया. लेकिन यहां जब हम सीएम (मान) के साथ बैठक करते हैं, तो उनके साथ 20 अधिकारी होते हैं और वह लगातार उन्हें हमारे सवालों का जवाब देने का निर्देश देते हैं. इससे हमें लगता है कि उन्हें काम में कोई दिलचस्पी नहीं है.’
मिश्रा ने कहा कि पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति भी उद्योगपतियों के लिए चिंता का एक बड़ा कारण है.
‘ऐसा लगता है जैसे हम पंजाब में 80 के दशक के मध्य (उग्रवाद का समय) में वापस आ गए हैं. जो माहौल बनाया जा रहा है उससे हम असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. अपराध पर कोई नियंत्रण नहीं है. हमारे मजदूरों को लगभग हर दिन लूटा जाता है. उनकी साइकिल, मोटरसाइकिल और मोबाइल फोन छीन लिए जाते हैं और ऐसा लगता है कि सरकार ने इस सब पर अपनी आंखें मूंद ली हैं.
मिश्रा ने आगे कहा कि भले ही ‘आप सरकार ईमानदार होने का दावा करती है. वह उन ‘अधिकारियों को जानते थे जिन पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और फिर भी वे शीर्ष पदों पर तैनात हैं.’
‘पंजाब से भागे उद्योगपति’
भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी उद्योग को बाहर धकेलने के लिए पंजाब में ‘बिगड़ती कानून व्यवस्था’ को जिम्मेदार ठहराया. ट्विटर पर सीएम मान पर निशाना साधते हुए उन्होंने लिखा कि आप के दिल्ली मॉडल ने पहले राष्ट्रीय राजधानी को ‘बर्बाद’ किया और अब ‘पंजाब की बारी’ है. उन्होंने भी राज्य में ‘बिगड़ती’ कानून व्यवस्था की ओर इशारा किया.
कांग्रेस नेता सुखपाल खैरा ने कहा कि पंजाब के उद्योगपतियों ने पुष्टि कर दी है कि वे यूपी में 2.3 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने जा रहे हैं, लेकिन इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि भगवंत मान अपने दक्षिण भारत दौरे के दौरान किसी निवेशक को आकर्षित करने में कामयाब रहे या नहीं.
सीएम मान को संबोधित करते हुए शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने ट्वीट किया, ‘जब आप निवेश के लिए इधर-उधर घूम रहे हैं, तो आपके अपने घर के उद्योगपति पंजाब से भाग रहे हैं क्योंकि आपने उन्हें विफल कर दिया है. पंजाब के उद्योगपति अपहरण और जबरन वसूली से तंग आ चुके हैं और आपकी सरकार से उनका भरोसा उठ गया है.’
उधर सीएम मान पिछले दो दिनों से चेन्नई और हैदराबाद में बिजनेस टायकून के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं और उन्हें अपने राज्य में निवेश करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं. पंजाब सरकार का दावा है कि राज्य भारत में एक शीर्ष क्रम के औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित हुआ है.
राज्य सरकार की ओर से सोमवार को जारी एक प्रेस बयान में मान ने कहा कि पंजाब को पिछले नौ महीनों में (आप के राज्य में सत्ता में आने के बाद से) करीब 27 हजार करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं, जिसमें 1.25 करोड़ लोगों के लिए रोजगार पैदा करने की क्षमता है.
पंजाब के मुख्यमंत्री ने अगले साल 23-24 फरवरी को होने वाले प्रोग्रेसिव पंजाब इन्वेस्टर्स समिट में भाग लेने के लिए उद्योगपतियों को भी आमंत्रित किया है.
हालांकि इससे पहले लखनऊ में 10 से 12 फरवरी तक उत्तर प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है.
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
(अनुवाद: संघप्रिया मौर्या)
यह भी पढ़ें: कैसे राजद-जदयू और MVA के कारण BJP को 2024 के लिए अपनी ‘मुश्किल सीटों’ की सूची दोबारा बनानी पड़ी