रायपुर, 26 फरवरी (भाषा) छत्तीसगढ़ में गोबर से बिजली बनाने के लिए भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र राज्य को तकनीकी मार्गदर्शन देगा।
राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में यहां उनके निवास कार्यालय में राज्य में कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए दो महत्वपूर्ण करार किए गए।
अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में खाद्यान्न, सब्जी और लघु वनोपजों को लंबे समय तक सुरक्षित, तरोताजा तथा गुणवत्ता युक्त बनाये रखने के लिए सरकारी क्षेत्र में पहला ‘फ़ूड इरेडिएटर प्लांट’ स्थापित होगा।
उन्होंने बताया कि ‘फूड इरेडिएटर प्लांट’ के संचालन तथा तकनीक हस्तांतरण को लेकर छत्तीसगढ़ शासन की ओर से बीज निगम तथा परमाणु ऊर्जा विभाग के विकिरण बोर्ड एवं आइसोटोप प्रौद्योगिकी के मध्य करार किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य के गौठानों में गोबर से बिजली बनाने के लिए भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर छत्तीसगढ़ राज्य को तकनीकी मार्गदर्शन देगा।
उन्होंने बताया कि राज्य के गौठानों में गोबर आधारित विद्युत संयंत्र लगाए जाएंगे। इसके लिए छत्तीसगढ़ जैवईंधन विकास प्राधिकरण (सीबीडीए) और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) के मध्य करार किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि गौठानों में गोबर से उत्पादित बिजली का उपयोग वहां संचालित ग्रामीण औद्योगिक पार्क की पावर चलित मशीनों, पेयजल, सिंचाई, प्रकाश व्यवस्था एवं अन्य कार्यों के लिए होगा तथा अतिरिक्त बिजली का विक्रय विद्युत वितरण कंपनी को किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि इस अवसर पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, राज्य के वरिष्ठ अधिकारी, भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर तथा विकिरण बोर्ड और आइसोटोप प्रौद्योगिकी के प्रतिनिधि अधिकारी मौजूद थे।
भाषा संजीव संजीव राजकुमार
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