( तस्वीर सहित )
वायनाड, 31 जुलाई (भाषा) केरल के वायनाड जिले में हुए जबरदस्त भूस्खलन में मारे गए प्रियजनों की पहचान करने और उनके अंतिम संस्कार के दौरान परिजनों की दुख और निराशा से भरी हृदय विदारक चीखें सुन कर हर आंख नम हो गई।
इस दुखद आपदा में 132 से अधिक लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हुये हैं ।
प्राकृतिक आपदा में मारे गये सभी लोगों के शव मेप्पाडी परिवार स्वास्थ्य केंद्र और नीलांबुर सरकारी अस्पताल में ताबूत रेफ्रिजरेटर में रखे गए थे। सभी लोग अपने प्रियजनों के शवों को पहचानते हुए और आखिरी बार उन्हें देख कर बदहवास और बेसुध होकर रोते बिलखते देखे गए।
इसी तरह के दृश्य श्मशानों में भी देखे गए, जहां शवों को एक-दूसरे के करीब दफनाया गया अथवा उनका दाह संस्कार किया गया।
वायनाड जिला प्रशासन ने लकड़ी और गैस आधारित दाह संस्कार भट्टियों में एक-दूसरे के बगल में कई शवों के अंतिम संस्कार किए जाने की तस्वीरें भी जारी कीं।
यहां मेप्पाडी जुमा मस्जिद में मस्जिद समिति के एक सदस्य ने बताया कि शवों को दफनाने की व्यवस्था कर दी गई है।
मस्जिद समिति के सदस्य ने कहा, ‘‘जब शवों की पहचान हो जाएगी और उन्हें यहां लाया जाएगा, तो उन्हें दफनाया जाएगा। इसके लिए व्यवस्था कर दी गई है और हर कोई इसके लिये मदद कर रहा है।’’
जिला प्रशासन के अनुसार, जिले के मुंडक्कई और चूरलमाला इलाकों में हुए भूस्खलन के बाद 180 से अधिक लोग लापता हैं और 300 से अधिक घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं।
जिला प्रशासन ने बताया कि मृतकों में से 75 की पहचान हो चुकी है और 123 का पोस्टमार्टम कराया जा चुका है। इसने बताया कि मरने वालों की संख्या बढ़ने और सैकड़ों लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
मंगलवार को तड़के मूसलाधार बारिश के कारण हुए भीषण भूस्खलन ने मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा बस्तियों को अपनी चपेट में ले लिया, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित 132 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
भाषा रंजन मनीषा
मनीषा
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