बेंगलुरु, 12 अगस्त (भाषा) कर्नाटक के वन एवं पर्यावरण मंत्री ईश्वर बी खांडरे ने मंगलवार को कहा कि लाल बाग और कब्बन पार्क के निर्माण को सदियां बीत चुकी हैं और बेंगलुरु को ऐसे और अधिक हरित स्थलों की आवश्यकता है।
वह यहां एक निजी होटल में कर्नाटक वन, वन्यजीव और जलवायु परिवर्तन फाउंडेशन के पहले सम्मेलन का उद्घाटन कर रहे थे।
मंत्री ने कहा, “150 साल बाद भी, बेंगलुरु में लाल बाग या कब्बन पार्क जैसा कोई दूसरा बड़ा पार्क नहीं है।”
खांडरे ने जलवायु परिवर्तन और वैश्विक तापमान वृद्धि (ग्लोबल वार्मिंग) के प्रकृति पर पड़ने वाले प्रभावों पर प्रकाश डाला और कहा कि हरित क्षेत्र को बढ़ाना ही एकमात्र समाधान है।
मंत्री ने कहा, “अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे बेंगलुरु शहर में हरित क्षेत्र बढ़ाने के तरीकों का अध्ययन करें। एक व्यक्ति को आराम से रहने के लिए सात पेड़ों की आवश्यकता होती है, लेकिन बेंगलुरु में वर्तमान स्थिति यह है कि प्रत्येक सात व्यक्ति पर केवल एक पेड़ है।”
उन्होंने कहा कि राजधानी की आबादी लगभग 1.5 करोड़ होने के कारण कठोर कदम उठाने का समय आ गया है।
उन्होंने कहा, “कॉरपोरेट संस्थानों को आगे आकर शहर के हरित क्षेत्र को बढ़ाने और इसे दिल्ली की तरह गैस चैंबर बनने से रोकने के लिए हाथ मिलाना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि निजी-सार्वजनिक भागीदारी से येलहंका के पास मदप्पनहल्ली में 153 एकड़ में बनने वाले जैव विविधता पार्क जैसी परियोजनाओं को लाभ होगा।
भाषा प्रशांत दिलीप
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