कोलकाता, तीन नवंबर (भाषा) कोलकाता की कई महिलाओं ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया है कि छोटे पर्दे के बांग्ला अभिनेता रिजू बिस्वास ने उन्हें अनचाहे संदेश भेजे, जिनमें वह अक्सर यह टिप्पणी करते थे कि वे साड़ियों में अच्छी लगती हैं।
ये आरोप तब सामने आए जब एक महिला ने बिस्वास से मिले संदेशों के स्क्रीनशॉट सीधे इंस्टाग्राम पर साझा किए, जिसके बाद अन्य महिलाओं ने भी इसी तरह के अनुभव बयां करने वाली सामग्री ऑनलाइन पोस्ट करना शुरू कर दी।
हालांकि, 37 वर्षीय अभिनेता ने संदेश भेजने से इनकार नहीं किया है। अभिनेता ने स्वीकार किया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से ये संदेश भेजे थे, लेकिन यह भी कहा कि उनके इरादे गलत नहीं थे।
अभिनेता ने वीडियो जारी करके एक बयान में कहा, ‘‘मुझे झूठ बोलना पसंद नहीं है। मैंने वे संदेश भेजे थे। लेकिन किसी की तारीफ करने में क्या हर्ज है? यह कहना कि कोई साड़ी में अच्छी लगता है, एक साधारण तारीफ है। मैं यह बात अपनी मां से भी कहता हूं।’’
पोस्ट और सार्वजनिक आलोचना की बाढ़ के बाद बिस्वास ने ‘उत्पीड़न’ और ‘निजता के उल्लंघन’ का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। स्क्रीनशॉट साझा करने वालों में मॉडल, ब्लॉगर, प्रभावशाली व्यक्ति और कामकाजी पेशेवर महिलाएं शामिल हैं।
पोषण विज्ञान की एक विशेषज्ञ ने 2019 का एक स्क्रीनशॉट पोस्ट किया है जिसमें बिस्वास का एक ऐसा ही संदेश दिखाया गया है, जो कथित तौर पर सुबह 4:09 बजे भेजा गया था।
अभिनेत्री-मॉडल आलोकानंदा गुहा ने भी बिस्वास पर पेशेवर संदेशों की आड़ में हद से आगे बढ़ने का आरोप लगाया।
गुहा ने आरोप लगाया है कि बिस्वास ने सबसे पहले फेसबुक पर नौकरी के प्रस्ताव के साथ उनसे संपर्क किया और एक पता भी दिया।
गुहा जब अपनी मां और बहन के साथ उस जगह पर पहुंचीं, तो बिस्वास कथित तौर पर असहज दिखे और बाद में उन्हें संदेश भेजकर कहा कि उन्होंने ‘उनका मूड खराब कर दिया है।’’
गुहा ने आगे आरोप लगाया कि 2017 में, जब उनका करियर आगे बढ़ा, तो बिस्वास ने एक बार फिर उन्हें ‘आप साड़ी में अच्छी लगती हैं’ वाली टिप्पणी के साथ संदेश भेजा।
इस बीच, ‘कंटेंट क्रिएटर’ झरना भोवाल ने सार्वजनिक रूप से बिस्वास का बचाव किया। उनके साथ एक तस्वीर साझा करते हुए झरना ने कहा कि शांतिनिकेतन में शूटिंग के दौरान उन्हें अभिनेता का व्यवहार अनुचित नहीं लगा।
उन्होंने कहा, ‘‘व्यक्तिगत रूप से मुझे रिजू दादा बुरे व्यक्ति नहीं लगे। साड़ी पहनने का अनुरोध शूटिंग की पारंपरिक अवधारणा का हिस्सा था।’’
भाषा संतोष वैभव
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