कोलकाता, 12 अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद नौकरी गंवाने वाले तीन ‘योग्य’ शिक्षकों ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भवन के बाहर अपना अनिश्चितकालीन अनशन जारी रखा।
इन शिक्षकों ने दागी और बेदाग उम्मीदवारों के बीच तत्काल सीमांकन की मांग की।
शिक्षकों ने बृहस्पतिवार को अनशन शुरू किया था।
पंकज रॉय, सुमन बिस्वास, और प्रताप कुमार साहा नामक तीनों शिक्षकों ने कहा कि वे तब तक अपना अनशन जारी रखेंगे जब तक एसएससी 2016 की परीक्षा के 26,000 उम्मीदवारों की ओएमआर सूची प्रकाशित नहीं करता और दागी तथा बेदाग उम्मीदवारों की संख्या घोषित नहीं करता।
रॉय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं मालदा के सलाईडांगा हाईस्कूल में राजनीति विज्ञान का शिक्षक हूं और मेरे पास छह साल का अनुभव है। मैं दागी नहीं हूं।’’
नकाशीपारा हाईस्कूल की शिक्षक सुमन बिस्वास ने कहा, ‘‘यह आंदोलन तब तक खत्म नहीं होगा जब तक एसएससी आधिकारिक तौर पर हमें बेदाग घोषित नहीं कर देता।’’
सागरदिघी ब्लॉक के एक स्कूल के दृष्टिबाधित शिक्षक रवींद्रनाथ साहा की भी छह साल की सेवा के बाद नौकरी चली गई।
साहा ने कहा, ‘‘हालांकि उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में हम जैसे अभ्यर्थियों के लिए कुछ रियायतें दी हैं, लेकिन यह केवल अस्थायी राहत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें अभी तक एसएससी या स्कूल शिक्षा विभाग से कोई अधिसूचना प्राप्त नहीं हुई है।’’
भाषा योगेश नेत्रपाल
नेत्रपाल
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