नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाले के सिलसिले में बृहस्पतिवार को दिल्ली और कोलकाता में दो सॉफ्टवेयर कंपनी के परिसरों में छह स्थानों पर तलाशी ली। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि आरोप है कि शिक्षकों की नियुक्ति में उम्मीदवारों के रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई और इसमें कंपनी की भूमिका सवालों के घेरे में है।
अधिकारियों ने बताया कि एनडी इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और एनवाईएसए कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालयों के साथ-साथ उनके मालिकों नीलाद्रि दास एवं पुनीत कुमार के आवासीय परिसरों पर छापे मारे गए।
सीबीआई के अनुसार आरोप है कि ये दोनों कंपनी ‘ओएमआर शीट’ के मूल्यांकन में शामिल थीं।
एक अधिकारी ने कहा कि सीबीआई ने 18 मई को पश्चिम बंगाल के तत्कालीन शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी और उनकी पुत्री अंकिता अधिकारी के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज की थी। अदालत ने राज्य सरकार द्वारा सहायता प्राप्त एक स्कूल में मंत्री की पुत्री की शिक्षिका के रूप में कथित तौर पर अवैध नियुक्ति के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था।
आरोप है कि सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के नतीजों में हेराफेरी की गई ताकि योग्य उम्मीदवारों को मेधा सूची में अंकिता को शामिल किया जा सके।
अंकिता के साथ ही अधिकारी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के अलावा भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सीबीआई ऐसे कई मामलों की जांच कर रही है जिनमें पश्चिम बंगाल एसएससी की सिफारिशों के बाद स्कूलों में शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को कथित तौर पर अवैध रूप से नियुक्त किया गया था।
भाषा अविनाश पवनेश
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