scorecardresearch
Tuesday, 12 August, 2025
होमदेशबंगाल सरकार, एसएससी को शिक्षक मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने की अनुमति मिली

बंगाल सरकार, एसएससी को शिक्षक मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने की अनुमति मिली

Text Size:

कोलकाता, आठ जुलाई (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार और डब्ल्यूबीएसएससी को स्कूली शिक्षकों की चयन प्रक्रिया शुरू करने के सिलसिले में एक एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने की मंगलवार को अनुमति दे दी।

एकल पीठ ने सोमवार को पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) को निर्देश दिया था कि वह 2016 की चयन प्रक्रिया के चिन्हित दागी उम्मीदवारों को इस साल की नयी भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लेने से रोके, जिसे डब्ल्यूबीएसएससी ने हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद अधिसूचित किया है।

न्यायमूर्ति सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार और डब्ल्यूबीएसएससी को एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति दे दी।

राज्य सरकार और एसएससी के वकीलों ने खंडपीठ के समक्ष याचिका दायर कर अपील दायर करने की अनुमति देने तथा मामले में जल्द सुनवाई करने का अनुरोध किया था।

न्यायमूर्ति सौगत भट्टाचार्य की एकल पीठ ने सोमवार को राज्य सरकार और एसएससी को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए शिक्षण कर्मचारियों की चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया था, जो 30 मई की भर्ती अधिसूचना के तहत शुरू हुई थी।

पीठ ने निर्देश दिया था कि दागी उम्मीदवारों को उक्त चयन प्रक्रिया में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

न्यायमूर्ति भट्टाचार्य ने यह भी कहा था कि अगर किसी दागी उम्मीदवार ने उक्त भर्ती अधिसूचना के तहत अपनी उम्मीदवारी पेश करने के लिए आवेदन किया है, तो उसे रद्द कर दिया जाएगा।

उन्होंने यह भी निर्देश दिया था कि चयन प्रक्रिया को तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचाने के लिए प्राधिकारी सर्वोच्च न्यायालय की ओर से 17 अप्रैल को पारित आदेश में निर्धारित समय-सारिणी का कड़ाई से पालन करें।

उच्चतम न्यायालय ने चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में लगभग 26,000 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति 17 अप्रैल को रद्द कर दी थी।

न्यायमूर्ति भट्टाचार्य की एकल पीठ द्वारा आदेश सुनाए जाने के बाद एसएससी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने 30 मई की अधिसूचना के आधार पर दागी उम्मीदवारों को चयन प्रक्रिया में हिस्सा लेने से रोकने से संबंधित आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।

न्यायमूर्ति भट्टाचार्य ने उचित विचार के बाद अपील को अस्वीकार कर दिया था।

भाषा पारुल माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments