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कलकत्ता विवि के कुलपति की पुन:नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर बंगाल सरकार हलफनामा दायर करे : अदालत

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कोलकाता, 14 फरवरी (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर सोनाली चक्रवर्ती बनर्जी की पुन:नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए हलफनामा दायर करने का सोमवार को निर्देश दिया। याचिका में दावा किया गया है कि पुन:नियुक्ति से नियमों का उल्लंघन हुआ है।

याचिकाकर्ता अनिंद्य सुंदर दास ने दावा किया कि कुलपति सोनाली चक्रवर्ती बनर्जी को राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा अगस्त, 2021 में इस पद पर पुन: नियुक्त किया गया था। दास उच्च न्यायालय में वकालत करते हैं और विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील बिल्वदल भट्टाचार्य ने अदालत के समक्ष दलील दी कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पदेन कुलाधिपति (चांसलर) होने के नाते राज्य द्वारा संचालित विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति का अधिकार रखते हैं।

राज्य के महाधिवक्ता एस. एन. मुखर्जी ने याचिका का विरोध किया और मामले में हलफनामा दायर करने के लिए समय देने का अनुरोध किया।

उनके अनुरोध पर मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति आर भारद्वाज की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 22 मार्च तक अपनी स्थिति बताते हुए हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई 22 मार्च को होगी।

भट्टाचार्य ने कहा कि कुलाधिपति ने नए कुलपति की नियुक्ति पर विचार-विमर्श के दौरान 2021 में मौजूदा कुलपति को तीन महीने के लिए सेवा विस्तार दिया था। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने नियमों का उल्लंघन करते हुए बनर्जी को चार साल के कार्यकाल के लिए पुन: नियुक्त किया।

बनर्जी को 2017 में तत्कालीन कुलाधिपति ने चार साल की अवधि के लिए प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय की कुलपति नियुक्त किया था।

भाषा

अविनाश पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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