पुरुलिया, 27 फरवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को घोषणा की कि उनकी सरकार ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जा दिए जाने की लंबे समय से लंबित मांग के बीच महतो समुदाय की आबादी की गणना के लिए एक सर्वेक्षण शुरू किया है।
बनर्जी ने यहां एक प्रशासनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार केंद्र सरकार को पत्र लिखकर ‘सरनावाद’ को एक अलग धर्म के रूप में मान्यता देने की मांग करेगी जैसा आदिवासियों की मांग है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो वह व्यापक स्तर पर प्रदर्शन शुरू करेंगी।
लोकसभा चुनाव से पहले बनर्जी की घोषणाओं को राज्य के जंगल महाल क्षेत्र में अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए महतो और आदिवासियों को लुभाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। इस क्षेत्र में 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जीत दर्ज की थी।
उन्होंने कहा, ”महतो समुदाय की लंबे समय से मांग है कि उन्हें एसटी घोषित किया जाए। लेकिन, मैं उन्हें बताना चाहूंगी कि यह मेरे हाथ में नहीं है। तो, कृपया इसके लिए मुझे दोष न दें। मैं आपको सूचित करना चाहूंगी कि हमने राज्य में महतो आबादी का वास्तविक प्रतिशत जानने के लिए एक भौगोलिक सर्वेक्षण शुरू किया है। हमारे पश्चिम बंगाल में छह प्रतिशत से अधिक आदिवासी आबादी है।”
बनर्जी ने कहा कि वह समुदाय की मांगों पर गौर करेंगी और उन्हें पूरा करने का प्रयास करेंगी। उन्होंने कहा, ‘मैं महतो और आदिवासियों के बीच मतभेद पैदा नहीं करना चाहती और नहीं चाहती कि चुनाव से पहले उनके बीच कोई विवाद हो।’
भाषा अभिषेक अविनाश
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