कोलकाता, 25 मई (भाषा) पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने रविवार को आंदोलनकारी शिक्षकों से राज्य सरकार पर भरोसा रखने का आग्रह किया जो उच्चतम न्यायालय द्वारा उनकी नौकरियों को अवैध करार दिए जाने के बाद ‘‘गतिरोध को समाप्त करने के लिए हर कदम उठा रही है।’’
उन्होंने आंदोलनकारी शिक्षकों से आग्रह किया कि वे विपक्षी राजनीतिक दलों के बहकावे में न आएं। एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से बातचीत में बसु ने कहा कि एक वरिष्ठ अधिकारी उन शिक्षकों से मिलकर उनकी मांगों के बारे में जानेंगे जो पिछले कई दिनों से शिक्षा विभाग के मुख्यालय विकास भवन के सामने आंदोलन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे को हल करने के लिए सभी संभावित कानूनी कदमों पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सुनिश्चित किया है कि शीर्ष अदालत के आदेश से बेरोजगार हुए ‘बेदाग शिक्षक’ अपने कार्यस्थल पर आना जारी रख सकें और 31 दिसंबर तक नई भर्ती की प्रक्रिया पूरी होने तक वेतन प्राप्त कर सकें।
वर्ष 2016 की भर्ती परीक्षा पास करने के बाद किसी भी नयी भर्ती परीक्षा में बैठने से इनकार करने वाले ‘बेदाग शिक्षकों’ के बारे में एक अन्य सवाल पर बसु ने कहा, ‘‘हमें उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करना होगा। स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) को भी शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करना होगा। लेकिन हम उनके हितों के अनुकूल यथा संभव सर्वोत्तम रास्ता तलाशने की कोशिश कर रहे हैं।’’
बसु ने ‘योग्य शिक्षक अधिकार मंच’ के सदस्यों और भाजपा सांसद तथा कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय के बीच दिन में हुई बैठक का जिक्र किया। मंच के सदस्यों के साथ चर्चा के बाद गंगोपाध्याय ने कहा कि राज्य सरकार और एसएससी द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया में घोर अनियमितताओं के कारण इन योग्य शिक्षकों का भविष्य अधर में है, जबकि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है।
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