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Wednesday, 15 January, 2025
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बंगाल: सीआईडी ​​ने मरीजों को ‘एक्सपायर’ दवा दिए जाने के मामले की जांच शुरू की

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कोलकाता, 15 जनवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल के एक सरकारी अस्पताल में ‘एक्सपायर’ हो चुके ‘इन्ट्रावीनस (आईवी) फ्लूड’ दिए जाने से एक महिला की मौत होने और तीन अन्य के गंभीर रूप से बीमार होने के मामले में अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने स्त्री रोग विभाग में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों से पूछताछ की।

अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल सीआईडी ने इस संबंध में एक वरिष्ठ चिकित्सक के साथ ही जूनियर चिकित्सकों से पूछताछ की है।

एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को पश्चिम मेदिनीपुर जिले के मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल पहुंचे सीआईडी के वरिष्ठ अधिकारियों ने वहां रेजिडेंट मेडिकल ऑफ़िसर (आरएमओ), दो जूनियर चिकित्सकों और नौ जनवरी की रात घटना के समय स्त्री रोग विभाग में ड्यूटी पर तैनात रहीं चार नर्सों से पूछताछ की।

उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारियों ने स्नातकोत्तर के चार प्रशिक्षुओं से भी बात की, जिन्होंने उस शाम सर्जरी की थी। आरएमओ से ड्यूटी से अनुपस्थित रहने का कारण भी पूछा गया।’’

सीआईडी ​के ​अधिकारियों ने आरएमओ से यह भी पूछा कि क्या उन्होंने जूनियर चिकित्सकों को मरीजों के उपचार और दी जाने वाली दवाओं के बारे में निर्देश दिए थे।

उन्होंने बताया कि उन्होंने मृतका के परिजन के साथ ही उन महिलाओं से भी बात की जो प्रसव के बाद गंभीर रूप से बीमार पड़ गईं।

सूत्रों ने बताया कि सीआईडी ​​तीन दिनों के भीतर राज्य सरकार को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप देगी।

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शहर के एसएसकेएम अस्पताल में इलाज करवा रहीं तीनों महिलाओं की हालत ‘बहुत गंभीर’ बनी हुई है।

अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि विभाग ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल फार्मास्युटिकल द्वारा उत्पादित 14 और दवाओं की सूची भी जारी की है, जिन्हें सरकारी अस्पतालों में मरीजों को नहीं दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘एहतियात के तौर पर ये निर्णय लिया गया है।’’

राज्य सरकार ने पहले इस मामले की समानांतर जांच के लिए 13 सदस्यीय समिति का गठन किया था।

अधिकारी ने बताया कि समिति द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक रिपोर्ट में मानवीय भूल और अन्य दवाओं के दुष्प्रभावों का उल्लेख है, जिसके कारण यह घटना हुई।

भाषा यासिर वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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