कोलकाता, 23 मई (भाषा) पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा रिहा किए जाने के बाद 14 मई को भारत लौटे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पूर्णम कुमार शॉ शुक्रवार शाम पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में अपने घर पहुंचे।
शॉ को पड़ोसी देश में करीब तीन सप्ताह तक बंधक बनाकर रखा गया था।
इससे पहले दिन में पूर्णम हावड़ा स्टेशन पहुंचे, जहां उनके परिवार और शुभचिंतकों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाकर उनका स्वागत किया।
प्लेटफॉर्म पर घंटों इंतजार कर रहे पूर्णम के पिता भोलेनाथ शॉ ने उन्हें गले लगा लिया।
सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत शॉ और उनके परिवार के चारों ओर घेरा बना लिया, क्योंकि सैकड़ों लोग उनसे हाथ मिलाने और उनका अभिवादन करने की कोशिश कर रहे थे।
शॉ ने मुस्कुराते हुए मीडिया से कहा, “मैं वापस आकर और अपने प्रियजनों से मिलकर खुश हूं।”
इसके बाद शॉ और उनके परिवार को बैटरी से चलने वाली कारों में हावड़ा स्टेशन के नए परिसर से सटे कार पार्किंग स्टैंड तक ले जाया गया।
गृहनगर रिशरा पहुंचने पर पूर्णम का लोगों ने देशभक्ति की धुनें बजा रहे बैंड के साथ स्वागत किया।
पूर्णम के घर के पास के स्थानीय क्लब को छोटे-छोटे रंगीन बल्बों की लड़ियों से सजाया गया था।
पूर्णम की पत्नी रजनी अपने आंसू नहीं रोक पाईं, जबकि पड़ोसी और परिवार के सदस्य जश्न में मिठाइयां बांट रहे थे।
भावुक रजनी ने कहा, “वह (पूर्णम) 17 साल से अर्धसैनिक बल के जवान के रूप में देश की सेवा कर रहे हैं। वह फिर से सीमा पर लौटेंगे। हमें उन पर गर्व हैं।”
उनके भाई राहुल ने कहा, “ऐसा लग रहा है जैसे हमारे इलाके में दिवाली लौट आई है।”
पूर्णम 14 मई की शाम को अटारी-वाघा सीमा के रास्ते भारत लौटे थे। बीएसएफ कांस्टेबल को 23 अप्रैल को पाकिस्तान रेंजर्स ने उस समय हिरासत में ले लिया था, जब वह अनजाने में पंजाब के फिरोजपुर जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर गये थे।
पहलगाम में आतंकवादी हमले के ठीक एक दिन बाद पूर्णम के गलती से सीमा पार करने से सीमा पर तनाव और बढ़ गया था।
भाषा जितेंद्र अविनाश
अविनाश
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