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शुक्रवार, 25 अप्रैल, 2025
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बंगाल बोर्ड ने 25 हजार से अधिक नौकरियां समाप्त करने के आदेश में ‘संशोधन’ के लिए न्यायालय का रुख किया

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कोलकाता, सात अप्रैल (भाषा) शिक्षा विभाग के एक उच्चस्तरीय सूत्र ने यहां बताया कि पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) ने पिछले सप्ताह स्कूलों में 25,000 से अधिक नौकरियों को रद्द करने के आदेश में ‘संशोधन’ की मांग करते हुए सोमवार को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि शीर्ष अदालत में दायर अपील में, बोर्ड के वकील ने अनुरोध किया कि या तो ‘योग्य’ उम्मीदवारों को इस शैक्षणिक वर्ष के अंत तक या अदालत द्वारा निर्देशित नई भर्ती प्रक्रिया पूरी होने तक, जो भी पहले हो, अपने कर्तव्य पूरे करने की अनुमति दी जाए।

हालांकि, डब्ल्यूबीबीएसई के अध्यक्ष रामानुज गांगुली ने कहा, ‘‘मेरे पास देने के लिए कोई जानकारी नहीं है या मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी।’’

जिन लोगों की नियुक्तियां रद्द की गईं उनमें से एक बड़ा वर्ग स्कूलों में माध्यमिक स्तर पर काम करता था।

उच्चतम न्यायालय द्वारा 2016 की भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाए जाने और तीन अप्रैल को पूरे पैनल को रद्द किए जाने के बाद राज्य द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों के कुल 25,753 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने अपनी नौकरी खो दी।

एसएससी के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि आयोग आदेश के बारे में कुछ स्पष्टीकरण मांगने के लिए जल्द ही उच्चतम न्यायालय का रुख करेगा।

शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने पहले कहा था कि उच्चतम न्यायालय एसएससी की दलील से संतुष्ट नहीं है और इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत से दिशा-निर्देश प्राप्त किए जाएंगे।

वर्ष 2016 की पूरी चयन प्रक्रिया को “त्रुटिपूर्ण और दागदार” बताते हुए प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने 22 अप्रैल, 2024 को कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा, जिसमें नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था।

भाषा वैभव नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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