मुंबई, 11 मई (भाषा) मुंबई पुलिस ने तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है, जिन पर लाडकी बहिन योजना के तहत वित्तीय सहायता का आश्वासन देकर पुरुषों समेत कई लोगों के नाम से बैंक खाते खोलने और उनमें साइबर अपराध एवं धनशोधन के माध्यम से प्राप्त धनराशि को जमा करने का आरोप है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया इन खातों के माध्यम से करोड़ों रुपये के लेनदेन हुए हैं, जिनमें से कई साइबर ठगी, व्यापार और काले धन को सफेद धन में बदली गयी धनराशि है।
पुलिस ने बताया कि गरीब तबके के भोले-भोले लोगों को लालच देकर आरोपी उनके बैंक खाते साइबर ठगों को बेच देते थे।
जुहू थाने के एक अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, करीब 2,500 बैंक खाते खोले गए, जिनमें से कुछ खाते कथित तौर पर साइबर ठगों और धन शोधन करने वालों को बेचे गए।
अधिकारी के अनुसार, त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने घोटाले से जुड़े 100 से अधिक सक्रिय बैंक खातों में वित्तीय लेनदेन पर रोक लगा दी और इन खातों में 19,43,779 रुपये जब्त कर लिए हैं।
इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि अधिकतर पीड़ित पुरुष हैं, जिन्हें लाडकी बहिन योजना के तहत हर महीने 1,500 रुपये की सरकारी सहायता देने का वादा किया गया था, जबकि यह योजना केवल पात्र महिला लाभार्थियों के लिए है।
अधिकारी के अनुसार, घोटाले का खुलासा तब हुआ जब विले पार्ले के नेहरू नगर झुग्गी बस्ती के एक मजदूर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद अविनाश कांबले (25) और दो अन्य को गिरफ्तार किया गया।
भाषा राजकुमार नेत्रपाल
नेत्रपाल
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.