प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार रात 8 बजे राष्ट्र को संबोधित करने वाले हैं. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पारित किए जाने और धारा 370 के खत्म किए जाने के बाद पीएम पहली बार देश को संबोधित करेंगे. इस बिल के आने के बाद जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा एक ओर जहां खत्म हो गया है वहीं सूबे का नक्शा बदलने जा रहा है. सूबा अब दो राज्यों में बदल दिया जाएगा कश्मीर और लद्दाख. दोनो भागों को केंद्र शासित प्रदेश बनाया जा रहा है.
इस अवसर पर दिप्रिंट प्रधानमंत्री के उन महत्वपूर्ण भाषणों पर नज़र डाल रहा है जो उन्होंने 2014 में सत्तासीन होने के बाद दिए हैं.
8 दिसम्बर 2014- पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर राज्य चुनावों के पहले श्रीनगर में अपने भाषण के दौरान उन्होंने वाजपेयी को याद करते हुए कश्मीर समस्या को ‘इंसानियत, कश्मीरियत और जमहुरियत’ के दायरे में सुलझाने की बात कही थी.
7 नवंबर 2015– प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर के रामबन के चंदरकोट में भारतीय रिज़र्व बटालियन को संबोधित किया. तब उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को भी एक नई फौज की टुकड़ी मिलनी चाहिए. इससे जम्मू-कश्मीर के युवाओं को रोज़गार मिलेगा और राज्य को नई ताकत. इसी दौरान उन्होंने एक रैली में कहा कि -मेरी मां ने मेरे जन्मदिन पर आज तक 11 रुपये से ज्यादा नहीं दिए. पर एक बार मैं हैरान रह गया जब उन्होंने मुझे जन्मदिन पर 5000 रुपये दिए और कहा, ‘ये पैसे कश्मीर के बाढ़ पीड़ितों के लिए ले जाओ. ‘
12 अगस्त 2016– जम्मू-कश्मीर में हुई ऑल पार्टी मीटिंग में अपनी बात को खत्म करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘जिन राज्यों में जम्मू-कश्मीर के लोग रहते हैं ( चाहे फिर वो हिंदू या बौध या फिर किसी और धर्म के हों) उनतक पहुंचने के प्रयास करने चाहिए. ताकि वो लोग जम्मू-कश्मीर में रह रहे अपने रिश्तेदारों से जुड़ कर सकें. वो अपनी प्रगति और भारत के दूसरे राज्यों में हुए विकास के बारे में जम्मू कश्मीर के लोगों को अवगत करा सकें.
15 अगस्त 2016- स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर दिए गए अपने भाषण में नरेंद्र मोदी ने ‘बलूच आंदोलन’ और ‘पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर’ का जिक्र किया. लाल किले से मोदी ने ब्लूचिस्तान, गिलगिट और पाकिस्तान अधिकृत लोगों का अपने प्रति दिखाई सद्भावना दिखाने का शुक्रिया किया. इस भाषण की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खूब बात हुई. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘कश्मीर में हुआ हर नुकसान पूरे देश का नुकसान है. चाहे वो नौजवानों का हो या सुरक्षा बलों का.’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘जो लोग छोटे बच्चों को हथियार बनाकर खुद छुपे रहते हैं और कश्मीर की शांति को भंग करते हैं, उनको कश्मीर के इन बच्चों को जवाब देना होगा.’
2अप्रैल 2017- पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं ने दिखाया है कि पत्थर की ताकत कैसे एक राज्य का विकास कर सकती है. चैनानी नाशरी सुरंग के उद्घाटन के मौके पर उन्होंने कहा, ‘कश्मीर के युवाओं के पास दो में से एक रास्ता चुनने का विकल्प है- पहला टूरिज़्म और दूसरा टेररिज़्म का है.’
15 अगस्त 2017 – स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में मोदी ने फिर से कश्मीर मुद्दे पर बोला. उन्होंने कहा कि ‘कश्मीर के मामले में बार-बार वही बात और राजनीति होती है लेकिन मेरा विश्वास इस बारे में दृढ़ है कि उस अलगाववाद की लड़ाई को कैसे जीतना है जिसे मुट्ठी भर लोगों ने फैला रखा है. समस्या को ना तो भद्दी भाषा और ना ही गोलियों से सुलझाया जाएगा- इसे हर कश्मीरी को गले लगाकर सुलझाया जाएगा.’ मोदी ने कहा कि ये 125 करोड़ भारतीयों की विरासत है और बदलाव हर किसी को गले लगाने के बाद आएगा. हम इसी निश्चय के साथ आगे बढ़ रहे हैं.
7 फरवरी 2018– लोकसभा में बोलते हुए पीएम मोदी ने कश्मीर के एक हिस्से को पाकिस्तान को देने के लिए कांग्रेस पर हमला किया. नरेंद्र मोदी ने कहा ‘अगर सरदार वल्लभ भाई पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते, देश का एक हिस्सा आज पाकिस्तान के कब्ज़े में नहीं होता.’ उन्होंने कहा कि 15 में से 12 कांग्रेस समितियों ने सरदार वल्लभ भाई पटेल को चुना था जबकि तीन ने किसी को नहीं चुना था. बावजूद इसके सरदार वल्लभ भाई पटेल को नेतृत्व नहीं दिया गया. ये कैसा लोकतंत्रा था? उल्टे पंडित नेहरू को चुन लिया गया.
19 मई 2018– को श्रीनगर में एक हाइड्रोपावर स्टेशन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने ‘ना गाली से, ना गोली से, समस्या सुलझेगी हर कश्मीरी को गले लगाने से’ जैसा एक ऐतिहासिक बयान दिया था. फिर उन्होंने जम्मू-कश्मीर के युवाओं से राज्य के कल्याण और विकास में योगदान देने का आग्रह किया जिसमें उन्होंने न्यू जम्मू एंड कश्मीर न्यू इंडिया की यात्रा में एक चमकता सितारा बनने की बात कही और कहा कि न्यू जम्मू एंड कश्मीर देश का चमकता सितारा हो सकता है. मोदी ने कहा कि 80 हजार करोड़ के एक पैकेज की जम्मू, लद्दाख और कश्मीर के विकास को ध्यान में रखते मंजूरी दी गई है. मुझे खुशी है कि इतने कम समय में 63,000 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं और 20,000 करोड़ पहले ही खर्च किए जा चुके हैं.
15 अगस्त 2018- को अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में, पीएम मोदी ने कश्मीर के लिए अपनी नीति का जिक्र पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उल्लेख करते हुए एक बार फिर जम्मू और कश्मीर के संबंध में, इन्सानियत, जम्हूरियत, कश्मीरियत (मानवतावाद, कास्मिरियत) की बात दोहराई. उन्होंने कहा, ‘अटल बिहारी वाजपेयी ने जो रास्ता दिखाया है, वह सही है और हम इससे आगे बढ़ेंगे.’ पीएम मोदी आगे कहते हैं कि हम संतुलित विकास चाहते हैं चाहे वह लद्दाख हो या जम्मू या श्रीनगर घाटी. उन्होंने कहा, ‘हम अपने दिलों में भाईचारे के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं न कि गोलियों और गालियों के रास्ते.
3 फरवरी 2019 – घाटी में सशस्त्र बलों पर पुलवामा हमले से कुछ दिन पहले, पीएम मोदी ने श्रीनगर, जे एंड के में विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए कहा था, ‘हम जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की रीढ़ तोड़ेंगे और अपनी सारी ताकत से लड़ेंगे और विस्थापित कश्मीरी पंडितों की गरिमा को वापस लौटाएंगे.
09 अप्रैल, 2019- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा था, अनुच्छेद 370 की वजह से जम्मू-कश्मीर में विकास नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा, ‘यह पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की नीतियां थीं जो घाटी में विकास के लिए बाधा बनी हुई हैं.’ मोदी ने स्वीकार किया कि भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन एक असफल प्रयोग था और कश्मीर के लोगो को उन परिवारों से छुटकारा दिलाने के लिए जो 50 से अधिक वर्षों से भ्रष्टाचार का समर्थन कर रहे हैं.
14 अप्रैल 2019- प्रधानमंत्री लोकसभा चुनाव के दौरान जब कठुआ में रैली कर रहे थे तब उन्होंने कश्मीर के विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा था, ‘कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल काफ्रेंस का गठबंधन अवसरवादी है और ये पावर के भूखे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘किसी भी हालत में आर्म्ड फोर्सेज जो यहां सुरक्षा दे रही हैं उन्हें घाटी से नहीं हटाया जाएगा. उन्होंने कर्नाटक में रैली के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘कांग्रेस और जेडीएस दोनों मिले हुए हैं, वह उनलोगों के साथ खड़े हैं जो एंटी नेशनल बयान देते हैं और कहते हैं कि जम्मू कश्मीर में अलग प्रधानमंत्री होना चाहिए.’
28 जुलाई 2019 – मोदी का हालिया बयान कश्मीर पर कुछ दिनों पहले देश के नाम मन की बात कार्यक्रम में संबोधन करने के दौरान दिया. पीएम मोदी ने जम्मू और कश्मीर में चलाए जा रहे ‘गांव की ओर वापसी’ कार्यक्रम की तारीफ की. उन्होंने यह भी दावा किया कि कश्मीर के लोग राष्ट्र के साथ जुड़ना चाहते हैं और उन्होंने कहा- हमारे भाई बहन कश्मीर में अच्छी गवर्नेंस चाहते हैं और बुलेट और बम से अधिक शक्ति विकास में है.