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बुधवार, 4 जून, 2025
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उप्र में अब्बास अंसारी के पहले भी आजम खान समेत कई विधायक अयोग्य ठहराए जा चुके

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लखनऊ, एक जून (भाषा) उत्तर प्रदेश विधानसभा के अयोग्य ठहराये गये विधायकों की सूची में शामिल होने वालों में नया नाम मऊ विधानसभा क्षेत्र से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक अब्बास अंसारी का है।

अंसारी से पहले भी आजम खान समेत कई विधायक अयोग्य ठहराए जा चुके हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि गैंगस्टर से नेता बने और पांच बार मऊ से विधायक रहे दिवंगत मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को भड़काऊ भाषण मामले में दो साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है।

विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि 31 मई से विधानसभा में अब्बास अंसारी का स्थान रिक्त हो गया है।

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत, यदि अदालत किसी सदस्य को दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाती है तो विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने का प्रावधान है।

अब्बास अंसारी समाजवादी पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन के तहत सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) के टिकट पर मऊ सदर विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर 2022 में पहली बार विधायक बने थे।

सुभासपा वर्तमान में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की सहयोगी है और पार्टी अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर राज्य में पंचायती राज मंत्री हैं।

उत्तर प्रदेश विधानसभा की वेबसाइट के अनुसार 18वीं विधानसभा में राज्य के अन्य अयोग्य विधायक समाजवादी पार्टी (सपा) के आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान (सपा), हाजी इरफान सोलंकी (सपा के), विक्रम सिंह (भाजपा के) और रामदुलार (भाजपा के) हैं।

सपा के नेता आजम खान को अक्टूबर 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जब एक अदालत ने उन्हें 2019 के भड़काऊ भाषण मामले में तीन साल जेल की सजा सुनाई थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा में रामपुर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था।

आजम खान के बेटे एवं सपा के विधायक अब्दुल्ला आजम खान को फरवरी 2023 में उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था और कुछ दिन पहले एक अदालत ने उन्हें 15 साल पुराने एक मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई थी। उन्होंने विधानसभा में रामपुर जिले के स्वार का प्रतिनिधित्व किया था।

सपा विधायक इरफान सोलंकी को अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जब उन्हें, उनके छोटे भाई और तीन अन्य को एक महिला की जमीन हड़पने के प्रयास में उसके घर में आग लगाने के सिलसिले में सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी। उन्होंने कानपुर में सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था।

भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के एक मामले में दो साल के कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद अक्टूबर 2022 से उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। सैनी मुजफ्फरनगर के खतौली से विधायक थे।

सोनभद्र जिले के दुद्धी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक रामदुलार गोंड को एक लड़की से बलात्कार के आरोप में (2014 में) 25 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

इससे पहले (17वीं विधानसभा में), उन्नाव के बांगरमऊ से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बलात्कार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद 2020 में राज्य विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। सेंगर को भाजपा ने पहले ही निष्कासित कर दिया था।

अयोध्या जिले के गोसाईगंज से भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी को भी पिछले सत्र में अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

उन्नीस अप्रैल, 2019 को हमीरपुर के भाजपा विधायक अशोक चंदेल को हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

भाषा अरुणव आनन्द देवेंद्र

देवेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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