मुंबई: 72-वर्षीय अशरफ अली सैयद हुसैन ने पुलिस को बताया, “उन्होंने मेरे चेहरे पर मुक्का मारा, कुछ ने मेरे पेट पर मारा. मुझे जान से मारने और ट्रेन से बाहर फेंकने की धमकी भी दी.”
28 अगस्त को उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव के पास चालीसगांव के निवासी हुसैन धुले सीएसएमटी एक्सप्रेस में सवार होकर मुंबई के बाहरी इलाके में स्थित कल्याण में अपनी बेटी के घर जा रहे थे. हालांकि, उनकी ट्रेन यात्रा तब दर्दनाक हो गई जब कथित तौर पर गोमांस ले जाने के आरोप में भीड़ ने उन पर हमला कर दिया. हमले में उन्हें शारीरिक चोटें और मानसिक आघात पहुंचा.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में लोगों का एक समूह बुजुर्ग व्यक्ति को परेशान करते हुए और बार-बार उनसे पूछते हुए दिखाई दे रहा है कि क्या वे “गोमांस ले जा रहे हैं”, हुसैन ने अपनी एफआईआर में इस आरोप का उल्लेख किया है. हालांकि, दिप्रिंट ने स्वतंत्र रूप से वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की है.
पुलिस ने घटना के तीन दिन बाद 31 अगस्त को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं 189 (2) (अवैध सभा), 191 (2) (दंगा), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 190 (अवैध सभा का सदस्य होना), 115 (2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना), 324 (4) (शरारत), 351 (3) (आपराधिक धमकी) के तहत एफआईआर दर्ज की. दिप्रिंट के पास एफआईआर की प्रति मौजूद है.
इसके बाद, शनिवार को पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जिन्हें रविवार को ज़मानत पर रिहा कर दिया गया.
शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए, हुसैन के छोटे भाई सैय्यद ने इस घटना को “घृणा अपराध” करार दिया.
उन्होंने कहा, “हमें इस बारे में एक या दो दिन बाद पता चला जब वीडियो वायरल हुआ. खबर के बाद हम बहुत चिंतित हो गए और यह देखने के लिए उससे संपर्क किया कि वे ठीक है या नहीं. मेरी राय है कि उन पर उनके धर्म के कारण हमला किया गया. हमारी मांग है कि अपराधियों पर मामला दर्ज किया जाए और उन्हें कड़ी से कड़ी सज़ा मिले. पुलिस ने हमें कार्रवाई का आश्वासन दिया है.”
दिप्रिंट ने कॉल और मैसेज के ज़रिए हुसैन और उनके बेटे से संपर्क किया. जवाब मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.
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28 अगस्त को क्या हुआ
एफआईआर के अनुसार, हुसैन 28 अगस्त को सुबह करीब 8 बजे धुले सीएसएमटी एक्सप्रेस के तीसरे जनरल डिब्बे में चढ़े. वे पहले तो खड़े थे, लेकिन ट्रेन के नासिक स्टेशन से गुज़रने के बाद एक सीट खाली हो गई और हुसैन वहां बैठ गए.
डिब्बे में खड़ा एक युवक, जिसकी उम्र करीब 24 या 25 साल थी, ने हुसैन से सीट खाली करने को कहा, तब हुसैन ने कहा कि कोई और सीट खाली नहीं है. हुसैन ने कहा, “अगर, जगह नहीं है, तो क्या तुम मेरी गोद में बैठोगे?” इस टिप्पणी से डिब्बे में बैठे युवकों के एक समूह में गुस्सा भड़क गया.
जैसा कि एफआईआर में विस्तार से बताया गया है, जब ट्रेन दोपहर करीब 1 बजे कल्याण स्टेशन पहुंची, तो हुसैन ने अपना सामान समेटना शुरू किया और उतरने की तैयारी की. उसी समय, युवकों के एक समूह ने उन्हें पकड़ लिया और उन्हें प्रताड़ित करना शुरू कर दिया.
हुसैन ने एफआईआर में बताया, “उन्हें शक हुआ और उन्होंने मेरे पास मौजूद प्लास्टिक बैग खोला. मैं चालीसगांव से दो टिफिन बॉक्स में भैंस का मांस (बीफ) लेकर जा रहा था. लड़कों ने मुझसे पूछा कि यह मांस क्या है। मैंने उनसे कहा कि यह भैंस का मांस है. उन्होंने मुझे वहीं रुकने के लिए मजबूर किया और फिर मेरे साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया और अपने मोबाइल फोन पर वीडियो बनाना शुरू कर दिया.”
पूरे हंगामे के दौरान, ट्रेन फिर से चलने लगी और हुसैन कल्याण स्टेशन पर नहीं उतर पाए.
उन्होंने बताया, “एक लड़का जिसका चेहरा रूमाल से ढका हुआ था, उसने मेरी आंख के पास घूंसा मारना शुरू कर दिया. मेरे सामने बैठे लड़के ने मेरे चेहरे और आंखों पर घूंसे मारे और मेरे पेट पर लात मारी. फिर उसके तीन-चार साथियों ने भी मेरे चेहरे और पेट पर घूंसा मारना शुरू कर दिया. उन्होंने मेरे कपड़े भी फाड़ दिए.”
उन्होंने कहा कि भीड़ ने उनकी सामने की जेब में रखे 2,800 रुपये भी छीन लिए.
हुसैन ने पुलिस को बताया, “उन्होंने मुझे चलती ट्रेन से बाहर फेंकने और जान से मारने की धमकी भी दी.”
लगभग आधे घंटे बाद, दोपहर 1:30 बजे, ट्रेन ठाणे स्टेशन के पास आकर रुकी. हुसैन किसी तरह यहां उतर गए, लेकिन कुछ लोग भी उतर गए.
डरे हुए हुसैन पुलिस स्टेशन गए, लेकिन शिकायत दर्ज कराने की हिम्मत नहीं जुटा पाए. आखिरकार वो लोग चले गए.
घटना के बाद हुसैन ठाणे से कल्याण चले गए. गुस्से और अपमान से भरे हुसैन ने मांस के टिफिन जिसे वो अपने अपमान का कारण मान रहे थे उसे कल्याण की एक नदी में फेंक दिया.
हालांकि, हुसैन अपनी बेटी के घर पहुंच गए और उन पर तुरंत ध्यान दिया गया, लेकिन वो अभी तक पूरी तरह से ठीक नहीं हुए हैं.
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद हुसैन ने आखिरकार शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस से संपर्क किया.
सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) मामले की जांच कर रही है. शनिवार को पुलिस ने कहा कि वे एफआईआर दर्ज करने के लिए हुसैन की बेटी के घर गए थे और वे सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं और वायरल वीडियो की सत्यता का पता लगा रहे हैं.
ठाणे रेलवे पुलिस के डीसीपी मनोज पाटिल ने रविवार को संवाददाताओं से कहा, “हमने अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और जांच अभी भी जारी है. मैं लोगों से अपील करूंगा कि वो ऐसी कोई अफवाह न फैलाएं जिससे शांति भंग हो.”
शनिवार को सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैली कि हुसैन की मौत हो गई है. हुसैन ने खुद इस पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और एक वीडियो जारी कर पुष्टि की कि वे अभी ज़िंदा हैं. दिप्रिंट द्वारा एक्सेस किए गए वीडियो में उन्होंने कहा, “मैं अभी भी ज़िंदा हूं. मेरी अच्छी सेहत की कामना करने वाले सभी लोगों का शुक्रिया. हालांकि, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप मेरी ओर से कोई भी कठोर कदम न उठाएं. मैं ज़िंदा हूं, इसलिए कृपया शांति बनाए रखें.”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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