नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को लोगों से सरकार के जल संरक्षण अभियान में शामिल होने की अपील की और साथ ही जिला प्रशासन तथा सरपंचों से लोगों को इसमें शामिल होने के लिए प्रेरित करने के वास्ते विशेष भूमिका निभाने का आह्वान किया।
राष्ट्रपति ने राज्यों, जिलों, स्थानीय निकायों, स्कूलों तथा अन्य को राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने इस दौरान ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन कैंपेन 2022’भी शुरू किया। यह अभियान 30 नवंबर तक चलेगा।
इस अभियान में कुछ नए कदम ‘स्प्रिंग शेड विकास’, जलग्रहण क्षेत्रों की सुरक्षा आदि को भी जोड़ा गया है। राष्ट्रीय जल मिशन के इस अभियान का मकसद राज्यों और अन्य हितधारकों को जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल उपयुक्त वर्षा जल संचयन संरचनाओं (आरडब्ल्यूएचएस) का निर्माण करने पर जोर देना है।
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में लोगों से सरकार के जल संरक्षण अभियान में शामिल होने की अपील की तथा सरपंचों से लोगों को इसमें शामिल होने के लिए प्रेरित करने के वास्ते विशेष भूमिका निभाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें शपथ लेनी चाहिए कि जिस प्रकार से देश में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चल रहा है उसी प्रकार से हम इस अभियान को भी जल संरक्षण का सबसे बड़ा अभियान बना दें।’’
उत्तर प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु ने राष्ट्रीय जल पुरस्कार की सर्वश्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में क्रमश: पहला, दूसरा और तीसरा पुरस्कार हासिल किया है, जबकि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और पंजाब के शहीद भगत सिंह नगर जिले ने उत्तर में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों में क्रमश: पहला और दूसरा स्थान हासिल किया है। केरल के तिरुवनंतपुरम और आंध्र प्रदेश के कडप्पा ने दक्षिण क्षेत्र में पहला और दूसरा स्थान हासिल किया है।
वहीं, बिहार में पूर्वी चंपारण और झारखंड के गोड्डा ने पूर्वी क्षेत्र में क्रमश: पहला और दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि पश्चिम में इंदौर ने पहला पुरस्कार जीता और वडोदरा तथा बांसवाड़ा को संयुक्त रूप से द्वितीय विजेता घोषित किया गया।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा में धसपद पंचायत, कर्नाटक के तुमकुरु जिले में येलेरामपुरा पंचायत, बिहार में गया जिले की तेलारी पंचायत, गुजरात में साबरकांठा के तख्तगढ़ और मिजोरम के सिरचिप में सियालसीर पंचायत ने क्रमशः उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में पहला पुरस्कार हासिल किया।
जल संरक्षण के लिए सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय की श्रेणी में गुजरात के वापी शहरी स्थानीय निकाय को पहला स्थान मिला जबकि तमिलनाडु में कावेरीपट्टीनम के सरकारी बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ने पहले स्थान पर कब्जा जमाया।
इसी तरह, जल संरक्षण के लिए जम्मू के माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को सर्वश्रेष्ठ संस्थान का पुरस्कार मिला। बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार ने पुरस्कार प्राप्त किया और बोर्ड द्वारा जल संरक्षण एवं उचित जल प्रबंधन के लिए किए गए कार्यों की सराहना के लिए जल शक्ति मंत्रालय का आभार जताया।
कारपोरेट सामाजिक दायित्व की श्रेणी में आईटीसी लिमिटेड, कोलकाता को सम्मानित किया गया।
राष्ट्रपति ने कहा कि शहरीकरण के दबाव के कारण शहरों को पूरे साल जल उपलब्ध कराने वाले तालाब और झीलें विलुप्त होती जा रही हैं।
कोविंद ने कहा, ”भूजल स्तर गिरता जा रहा है और इसकी मात्रा में भी कमी आ रही है। एक तरफ, शहरों को अपनी जरूरत पूरी करने के लिए दूर-दराज से पानी लेना पड़ रहा है और दूसरी तरफ मॉनसून के दौरान गलियों में जलभराव होता है।”
इस दौरान जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने विजेताओं को बधाई दी और कहा कि इन विजेताओं ने जल संसाधन संरक्षण को नयी ऊर्जा दी है।
उन्होंने कहा,‘‘ हम सब जानते हैं कि जल ही हमारे जीवन का आधार है। हमें 1,100 अरब क्यूबिक मीटर जल की आवश्यकता है और आगे 1,450 अरब क्यूबिक मीटर जल की आवश्यकता होगी। तो आज हालात ये हैं कि अगर हम भविष्य की ओर देखें तो यकीनन चुनौतियां हैं।’’
भाषा शफीक नरेश
नरेश
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